रिपोर्ट -हरेंद्र शुक्ला
बीएचयू का फारेंसिक विभाग लंका थाना क्षेत्र के शवों का करेगा पोस्टमार्टम
एक अक्टूबर से शहर के सिर्फ एक थाना क्षेत्र की मिली जिम्मेदारी, छह माह से चल रहा था पत्राचार
विभाग के चार प्रोफेसर, 11 रेजिडेंट, दो तकनीशियन और छह शोधार्थी करेंगे प्रायोगिक अध्ययन
बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के बीच छह महीने से चल रहे पत्राचार पर विराम लग गया। अब दोनों विभागों में सहमति बन गई है कि बीएचयू का फारेंसिक विभाग एक अक्टूबर से शवों के पोस्टमार्टम करेगा। जिले में 30 थाने हैं, इनमें सिर्फ एक यानी लंका थाने से जुड़े शवों का पोस्टमार्टम करना होगा।
नई व्यवस्था से विभाग को रोजाना तीन से चार शव मिलने की संभावना है। विभाग के चार प्रोफेसर, 11 रेजिडेंट, दो तकनीशियन और छह शोधार्थी फिर से शोध कार्य शुरू कर सकेंगे। 200 मेडिकल छात्रों को मानव के अंगों के बारे में जानने का मौका मिलेगा। फारेंसिक विभाग ही पहले जिले भर के आठ से 10 शवों का पोस्टमार्टम प्रतिदिन करता था, लेकिन वर्ष 2021 में कायाकल्प प्रोजेक्ट को पूर्ण करने के लिए चिकित्सा विज्ञान संस्थान ने सीएमओ को कार्य सौंप • दिया। हालांकि लंबे संघर्ष के बाद एक अप्रैल 2023 को फिर से फारेंसिक को जिम्मेदारी मिलीं थी, लेकिन एक जून 2023 को दोबारा कार्य सीएमओ के पास चला गया।
15 महीने से स्वास्थ्य विभाग हीं शवों का पोस्टमार्टम कर रहा है। मेडिकल स्टूडेंट फारेंसिक मेडिसिन एंड टोक्सीलाजी कोर्स के जरिए मौत के कारणों का पता लगाते हैं। व्यवस्था बहाल करने के लिए दोनों विभागों के बीच पत्राचार चल रहा था।
आइएमएस निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने बताया कि विभाग को कहा गया है कि पोस्टमार्टम करने के लिए सुविधाएं मुकम्मल कर लें।