रिपोर्ट -प्रियंका तिवारी
वाराणसी में खतरें की निशान से महज 1 मीटर की दूरी पर बह रही है गंगा, 10 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है गंगा
काशी के डूबे 84 घाट, मणिकर्णिका घाट की छत और हरिश्चंद्र की गलियों में जल रही चिंताएं
अस्सी स्थित सुबह -ए-बनारस का मंच जलमग्न, नगवां रविदास पार्क के पास STP के डूबे उपकरण
उत्तराखंड , हिमाचल सहित देश के विभिन्न जगहों पर हो रही अच्छी वर्षा के चलते गंगा में उफान आ गया है। तेजी से बढ़ रहे जलस्तर से स्थितियां विषम होना आरंभ हो गई हैं। इससे तटवर्ती इलाकों में अफरा-तफरी व्याप्त है। वाराणसी के सभी 84 घाट डूब चुके हैं।वाराणसी में लगातार गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट के शवहदाह स्थल जलमग्न हो चुके हैं, इसके चलते घाट की छत पर शवदाह किया जा रहा है तो गंगा आरती भी दशाश्वमेधं सहित विभिन्न घाटों की छतों पर पहुंच चुकी है।
तेज लहरों के साथ बहाव व उफान के कारण गंगा में क्रूज छोड़ सभी छोटी-बड़ी नावों का संचालन बंद कर दिया गया है। जल पुलिस एहतियातन नजर रख रही है।बीते बुधवार से गंगा के जलस्तर में वृद्धि आरंभ हुई, तब से शुक्रवार को गंगा अचानक 20 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ने लगी। शनिवार को 10 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा में बढ़ाव जारी है।
शनिवार को दोपहर तक वाराणसी में गंगा का जलस्तर 69. 265 मीटर पर पहुंच गया। वाराणसी में गंगा की चेतावनी बिन्दु 70.262 और खतरे का निशान 71.262 मीटर है। यानी बनारस में गंगा चेतावनी बिन्दु से महज एक मीटर नीचे बह रही है। यदि जलस्तर में वृद्धि का दर यही रहा तो वाराणसी में अगले 24 घंटे में चेतावनी बिन्दु पार कर सकती है।
केंद्रीय जल आयोग के मध्य गंगा खंड कार्यालय के अनुसार गंगा के जलस्तर में 10 सेमी प्रति घंटा के वेग से वृद्धि जारी है।
जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट मोड़ पर रखा है। वहीं एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएससी बाढ़ यूनिट,जल पुलिस के जवानों ने संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी है।
बढ़ते जलस्तर को देख नावों के संचालन पर रोक
गंगा के जलस्तर में वृद्धि को देखत हुए नौका संचालन एक बाद फिर से बंद कर दिया गया है। अब सिर्फ दो बड़ी क्रूज को ही चलने की अनुमति होगी। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जल पुलिस सतर्क और चौकस है।
जल पुलिस प्रभारी मिथिलेश यादव के अनुसार गंगा को जलस्तर 65 मीटर से ऊपर होने पर नावों का संचालन रोक दिया जाता है। जलस्तर कम होने पर भी नदी में तेज बहाव हो तो भी नावों की चलने की अनुमति नहीं होती है। बीते कुछ दिनों से गंगा के जलस्तर में तेजी वृद्धि हुई है। बहाव भी काफी तेज हैं, ऐसी स्थिति में नावों का संचालन खतरनाक है।