रमजान के दौरान सेहत का ध्यान रखना उतना ही ज़रूरी है जितना कि इबादत-डॉ वी के वर्मा
रमज़ान को इस्लाम का पवित्र महीना माना जाता है. इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोज़ा रखते हैं
इस्लाम से पहले के ज़माने में कुरैश आशूरा के दिन रोज़ा रखते थे. पैगंबर मुहम्मद साहब भी उस दिन रोज़ा रखते थे।
बस्ती।प्रख्यात समाजसेवी एवं जिला चिकित्सालय बस्ती के आयुष चिकित्साधिकारी डॉ वी के वर्मा ने बताया कि पैगंबर मुहम्मद साहब जब मदीना चले गए तो उन्होंने उस दिन रोज़ा रखा और दूसरों को भी रोज़ा रखने का हुक्म दिया हिजरी के दूसरे वर्ष में अल्लाह ने रमज़ान के महीने के रोज़े को फ़र्ज़ कर दिया. रमज़ान का महीना कभी 29 दिन का तो कभी 30 दिन का होता है।
रमजान के महीने में रोजा रखने वाले लोग सुबह से सूरज डूबने तक रोजा के हालत में होते हैं, इस दौरान, रोजा रखने वाले लोग पांच वक्त की नमाज के साथ रात में तरावीह की नमाज अदा करते हैं।
डॉ वर्मा ने बताया कि मौसम में बदलाव हो रहे रमजान के दौरान सेहत का ध्यान रखना उतना ही ज़रूरी है जितना कि इबादत. सही खानपान, पर्याप्त पानी, हल्का व्यायाम और पूरी नींद से आप पूरे महीने ऊर्जावान और स्वस्थ रह सकते हैं. इन छोटी-छोटी बातों को अपनाकर आप न सिर्फ अपने रोज़ों को बेहतर बना सकते हैं बल्कि अपनी सेहत का भी ख्याल रख सकते हैं
रमजान का पाक महीना आत्मसंयम, इबादत और रोज़ों का समय होता है. इस दौरान लोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी नहीं खाते-पीते, जिससे शरीर को कई बदलावों से गुजरना पड़ता है. ऐसे में सेहतमंद रहना जरूरी है ताकि रोजे अच्छे से रखे जा सकें।
रोजे के दौरान शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए सहरी और इफ्तार के दौरान भरपूर पानी पिएं. दिनभर पानी न पीने से डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिससे सिरदर्द, चक्कर और कमजोरी महसूस हो सकती है. कोशिश करें कि सहरी और इफ्तार के बीच कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
सहरी का भोजन संतुलित और पोषणयुक्त होना चाहिए. हल्का लेकिन ऊर्जा देने वाला आहार लें, जिसमें प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट सही मात्रा में हों. ओट्स, ब्राउन ब्रेड, अंडे, फल और ड्राई फ्रूट्स अच्छे विकल्प हो सकते हैं. साथ ही बहुत ज़्यादा नमक या तले-भुने खाने से बचें, क्योंकि इससे दिनभर प्यास ज्यादा लगेगी।
दिनभर भूखे रहने के बाद कई लोग इफ्तार में जरूरत से ज्यादा खा लेते हैं, जिससे पेट भारी हो जाता है और आलस्य महसूस होता है. इफ्तार खजूर और पानी से शुरू करें, फिर हल्का और पौष्टिक भोजन लें. तली-भुनी चीज़ों से परहेज करें और फाइबर युक्त चीजें ज्यादा खाएं।
रमजान में शारीरिक गतिविधियों को पूरी तरह बंद न करें. हल्की वॉक, योग या स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज ज़रूर करें. व्यायाम के लिए इफ्तार के बाद का समय सबसे सही होता है, क्योंकि इस समय शरीर में पर्याप्त ऊर्जा रहती है।
रोजो के दौरान नींद की कमी से थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है. इसलिए रात में अच्छी नींद लें और दिन में अगर संभव हो तो हल्की झपकी भी ले सकते हैं. इससे शरीर ऊर्जावान बना रहेगा।
रमजान के दौरान चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन कम से कम करें. इनमें मौजूद कैफीन डिहाइड्रेशन बढ़ा सकता है और नींद को प्रभावित कर सकता है।
रमजान में मीठे और ज्यादा नमक वाले खाने से बचें. ज्यादा मीठा खाने से अचानक एनर्जी बढ़ती है और फिर तेजी से गिरती है, जिससे सुस्ती आ सकती है. इसी तरह, ज्यादा नमक लेने से प्यास अधिक लगती है और शरीर में पानी की कमी हो सकती है।