Type Here to Get Search Results !

किराने की दुकान से होता था नशे का कारोबार इस यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में होती थी ड्रग्स की सप्लाई :कीमत जानकर हो जायेंगे हैरान

रिपोर्ट - हरेंद्र शुक्ला 

वाराणसी में किराने की दुकान से छापेमारी में 1 करोड़ की नशे की दवाइयां बरामद, एक गिरफ्तार 

गिरफ्तार ड्रग्स विक्रेता ने बताया बीएचयू के हास्टल में होती थी सप्लाई 

वाराणसी।वाराणसी में रविवार को नारकोटिक्स की टीम ने लंका थाना क्षेत्र के सीर गोवर्धन में एक जनरल स्टोर पर छापा मारा। यहां पर एक करोड़ से अधिक की ड्रग्स की इंजेक्शन और दवाइयां बरामद हुए। मौके से दुकानदार रामबाबू सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। उसने पूछताछ में बताया-बीएचयू के हॉस्टल और आसपास के इलाकों में किराए पर रहकर पढ़ने वाले अधिकतर छात्र उसके कस्टमर हैं। वह फोन पर ऑर्डर देते थे और उसका आदमी बाइक से ड्रग्स दिए हुए पते पर पहुंचा देता था। इसके बदले उसे मुंहमांगे दाम मिलते थे।

सेंट्रल नारकोटिक्स को मिली थी शिकायत,एक हफ्ते तक की रेकी

यूपी नारकोटिक्स कमिश्नर दिनेश बौद्ध ने बताया- उन्हें बीएचयू के हॉस्टल और आस पास के इलाकों में ड्रग्स सप्लाई की शिकायत मिली थी। जिसके बाद उन्होंने गाजीपुर एसपी केके श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम लगाई ताकि पता चले कि छात्रों को कौन ड्रग्स सप्लाई कर रहा है।

नारकोटिक्स की टीम ने छात्रावासों में रहने वाले कुछ संदिग्धों पर नजर रखनी शुरू की। एक ही लड़के को चार दिन अलग अलग कमरों में जाता देखा तो शक हुआ। पकड़कर तलाशी ली तो उसके पास से ड्रग्स बरामद हुई। पूछने पर बताया कि दुकान मालिक उसे दवा देता है और वह बताए हुए पते पर पहुंचा देता है। दुकान मालिक पर नारकोटिक्स ने नजर रखनी शुरू की।

 जनरल स्टोर की आड़ में हो रही थी ड्रग्स की सप्लाई

नारकोटिक्स की टीम आज जब दुकान पर पहुंची तो देखा ड्रग्स की सप्लाई हो रही थी। टीम ने दुकानदार से पहले बिस्किट खरीदा और फिर उससे इंजेक्शन के बारे में पूछा। दुकानदार घबरा गया, भागने की कोशिश की लेकिन टीम ने पहले से घेरेबंदी कर रखी थी। दुकान के पिछले हिस्से में जब टीम पहुंची तो भारी मात्रा में कार्टन में एक किलो ब्यूप्रेनारफीन, आधा किलो ट्रामाडोल, 0.067 ग्राम क्लोनाजेपाम के साथ भारी मात्रा में सीरिंज, एविल के इंजेक्शन मिले। इनकी कीमत करीब एक करोड़ से अधिक है। दुकानदार ने पूछताछ में बताया- ड्रग्स की लत सिर्फ बीएचयू के छात्रों में नहीं छात्राओं में भी है, उसकी कई कस्टमर लड़कियां भी हैं। जो हॉस्टल्स में ड्रग्स की डिलीवरी कराती थीं।

पढ़ाई के नाम पर चल रहा था ड्रग्स के सेवन का खेल

नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के अनुसार लड़के लड़कियां पढ़ाई के नाम पर ड्रग्स का सहारा ले रहे। एकाग्र होकर पढ़ाई करने के लिए ये इन ड्रग्स के साथ एविल का इंजेक्शन ले रहे थे जिससे उन्हें दोगुना आनंद मिलता। ये सब प्रतिबंधित ड्रग्स दर्द निवारक और दिमाग को शांत करने में इस्तेमाल होते हैं। इनके अधिक सेवन से लीवर के साथ ही दिमाग के भी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Web Sitesine Hava Durumu Widget HTML Göm
विज्ञापन के लिए संपर्क करें - 7379362288

Below Post Ad