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पूर्वांचल के मालवीय को किया गया नमन

पुण्य तिथि पर याद किये गये पूर्वांचल के मालवीय पंडित सूर्य नारायण चतुर्वेदी

शैक्षणिक योगदान पर विमर्श



बस्ती। पूर्वांचल के मालवीय कहे जाने वाले स्वर्गीय पंडित सूर्य नारायण चतुर्वेदी को उनके छठवी पुण्य तिथि पर संकल्पों के साथ याद किया गया। गुरूवार को राजन इंटरनेशनल एकेडमी में निदेशक एवं पूर्व ब्लाक प्रमुख राकेश चतुर्वेदी, प्रबन्ध निदेशिका शिखा चतुर्वेदी के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने पंडित सूर्य नारायण चतुर्वेदी के योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला।

एकेडमी के कार्यकारी निदेशक संजीव पाण्डेय ने कहा कि महुली स्थित एक निजी विद्यालय मे अध्यापन कार्य करने वाले पं सूर्य नारायण चतुर्वेदी ने जब समाज के पिछड़ेपन को भीतर से महसूस किया तो शिक्षा का अभाव सबसे बड़ा कारण बन कर उभरा। अपने पैतृक गांव के पास बाबा पर्वत नाथ इण्टर कालेज की स्थापना करके अपने खून पसीने से इस शैक्षणिक पौध को वट वृक्ष बनाने का संकल्प लिया। उनकी कर्तव्यनिष्ठा, जुनून और शिक्षा की इस ज्योति को मशाल बनाने के हौसले ने पूर्वांचल मे एक ऐसा कीर्तिमान स्थापित किया कि समाज मे उन्हे पूर्वांचल के मालवीय की उपाधि मिलने लगी। उच्च शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, आधुनिक शिक्षा के मिश्रण की ऐसी दीप श्रृंखला तैयार हुई जो चारो तरफ खुद ब खुद उजाला बिखेर गई। मृदुभाषी, मुस्कुराते चेहरे के इस व्यक्तित्व की झलक आज उनके बेटो मे झलकती है।

प्रधानाचार्य सानू एन्टोनी ने कहा कि इच्छाशक्ति, कर्तव्यनिष्ठा की बदौलत पूर्वांचल में अपनी अलग पहचान बनाने वाले महान योद्धा पंडित सूर्य नारायण चतुर्वेदी ने बड़े ही खामोशी के साथ 2018 को दुनिया को अलविदा कह दिये और समाज को नई दिशा देने के लिए मजबूत आधारशिला छोड़ गये। इस आधारशिला को तैयार करने के लिए उनके द्वारा किये गये संघर्ष में एक बड़ी दास्तान छिपी हुई है। पं. चतुर्वेदी कभी पीछे मुड़कर नही देखा और लगभग संतकबीरनगर जिले में तीन दर्जन से अधिक उच्च शिक्षण संस्थान उनके द्वारा स्थापित किये गये जिसमें बी.ए., बी.काम., बी.एस.सी., एम.ए., एम. काम., एम.एस.सी., बी.एड., बी.पी.एड., बी.टी.सी., एम.एड. आदि पाठक्रमो की पढ़ाई हो रही है जिससे जिले के ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वांचल के युवा लाभान्वित हो रहे है। कार्यक्रम का संचालन जितेंद्र यदुवंशी जीत ने किया।

पंडित सूर्य नारायण चतुर्वेदी की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में सुमन दूबे, रेखा श्रीवास्तव, पूनम गुप्ता, प्रमिला शुक्ला, श्वेता त्रिपाठी, नीलम श्रीवास्तव, निशु उपाध्याय, शालिनी श्रीवास्तव,अन्नू, सुष्मिता मन्ना, सुष्मिता पाण्डेय, नेहा अबरोल, आकृति पाण्डेय, सौम्या पाण्डेय,जानवी शुक्ला, दीपांजलि, रीना पाण्डेय, नैन्सी वर्मा, आकृति साहू, आकृति पाण्डेय,तहजीब फातिमा, अर्चना पटेल,अर्चना द्विवेदी, रूपा जायसवाल, सुषमा गुप्ता, हर्षिका शुक्ला, फातिमा सिद्दीकी, रजनी श्रीवास्तव, फरहत फातिमा, शहनाज यूनुस, नलिनी गुप्ता, ज्योति पाण्डेय, माया सिंह, मनीषा गुप्ता, प्रभा त्रिपाठी, श्रद्धा पाण्डेय, शालिनी श्रीवास्तव, कोमल गुप्ता, आशीष कसौधन, प्रेरणा सिंह, प्रभात त्रिपाठी, साक्षी मिश्रा, दीपाली वर्मा, माया शुक्ला, सिमरन गुप्ता, शालिनी श्रीवास्तव, अभिरामी, वेदिका गुप्ता, शिक्षा बरनवाल, रिया दुबे, खदीजा परवीन, अंजलि चौरसिया, अमित मिश्रा, राम स्वरूप यादव, सौरभ पाण्डेय, अनूप पाण्डेय, रचित गुप्ता, मनजीत सिंह, संजय तिवारी, मोहम्मद सारिक, कुशाग्र मिश्रा, दीप कमल सिंह, गोपाल सिंह, किरण के विस्टन, ज्वैल थॉमस,शिवांश उपाध्याय, शुभम पटेल, रवि प्रकाश तिवारी, अभिषेक कुमार धर्मेंद्र तिवारी, गौतम प्रकाश, विकास कुमार चतुर्वेदी अभय कुमार पाण्डेय सहित अनेक शिक्षक शिक्षिकाएं और छात्र मौजूद रहे। कार्यक्रम के आरम्भ में उपस्थित लोगों ने पंडित सूर्य नारायण चतुर्वेदी के चित्र पर पुष्पार्चन कर उन्हें नमन् किया। नवरात्रि के प्रथम दिन शिक्षक, शिक्षिकाओं को फलाहार कराया गया।

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