मंदिर प्रांगण में मिले हजारों साल पुराने नर कंकाल, कंकाली की लंबाई 8 फिट से ज्यादा, आला उदल की थी मंदिर की स्थापना।
शाहजहांपुर में हजारों साल पुराने एक मंदिर के पास अलग अलग दो स्थानों पर जमीन में मानव कंकाल के अवषेश दबे मिले। जमीन मानव कंकाल के अवशेष का लोगों ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। थाने में सूचना पहुंचने के बाद भी चंद कदम की दूरी पर मंदिर के पास पुलिस को पहुंचने का समय नही मिल पाया। इस मामले में जब थाना प्रभारी से बात करने की कोशिश की तो उनका सरकारी नंबर बंद बताता रहा। इस मामले में तहसीलदार सदर ने जांच कराने की बात की है। वहीं पुलिस के नही आने पर स्थानीय लोगों ने पुलिस के प्रति नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि इस गंभीर प्रकरण में पुलिस कई घंटे बाद भी नही पहुंची। थाना सेहरामऊ दक्षिणी के मां जालपा देवी मंदिर के पास की घटना है।
शाहजहांपुर में पूरा दिन हुई बारिश के कारण थाना सेहरामऊ दक्षिणी से चंद कदम की दूरी पर मां जालपा देवी मंदिर है। बारिश होने से मंदिर के पास दो अलग अलग स्थानों पर मिट्टी बहे गई। तब वहां पर मौजूद लोगों को जमीन में दबे दो मानव कंकाल के अवषेश दिखाई दिए। अवशेष देखने के बाद स्थानीय लोगो का मौके पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। उसके बाद लोगों ने इसकी जानकारी घटनास्थल से चंद कदम की दूरी पर थाने में दी गई। लापरवाही का आलम ये है कि थाना प्रभारी से लेकर थाने में तैनात पुलिसकर्मियों को मौके पर जाने का समय ही नही मिल पाया। उसके बाद लोगों ने उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। स्थानीय लोगो ने बताया कि काफी देर पहले पुलिस को सूचना दी गई थी। दो पुलिसकर्मी मौके पर आए और फिर कुछ ही देर बाद दोनो वापस चले गए। आलाधिकारियों ने मौके पर आने की जहमत तक नही उठाई। उसके बाद प्रशासन को सूचना दी गई। तहसीलदार सदर आशीष सक्सेना ने बताया कि जानकारी मिली है। उसकी जांच कराई जाएगी। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि जिस जगह पर कंकाल के अवशेष मिले हैं। ये पौराणिक है। इसकी आल्हा ऊदल के समय की स्थापना बताई जाती है। उन्होंने कहा इसकी पुरातत्व विभाग जांच करे तो काफी महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आ सकती हैं।
वहीं इस मामले स्थानीय मंदिर के पुजारी से बात की गई तो उन्होंने बताया यह बहुत ही प्राचीन मंदिर है जालीपा देवी मंदिर की स्थापना हजारों साल पहले हुई है मंदिर की स्थापना आल्हा ऊदल के द्वारा की गई थी और जो मंदिर प्रांगण में अवशेष मिले हैं वह हजारों साल पुराने हैं और हर साल जब बारिश होती है तो वह धरती से इसी तरह चमकने लगते हैं।