तेंदुआ दिखने से ग्रामीणों में दहशत
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में तराई क्षेत्र में अलग अलग इलाकों में दिखे तेंदुओं ने दहशत फैला दी है। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग कांबिंग शुरू कर अलर्ट मोड़ में है। वहीं सोशल मीडिया में कथित रूप से वायरल एक (Tigar) बाघ के वीडियो का वन विभाग ने खंडन किया है। वन विभाग के एसडीओ वी.पी सिंह ने (LEOPARD) तेंदुआ के होने की आशंका जताई है। ऐतिहातन तेंदुए को पकड़ने के लिए गांव में पिंजरा भी लगाया है।
जानकारी के मुताबिक, रामनगर थाना क्षेत्र के तराई गांव पुरैना के खेतों में शुक्रवार तेंदुए की आशंका से दहशत मच गई। पुरैना गांव निवासी मोहन ने बताया कि खेत में भैंस को चराते समय खेत के बने चकरोट पर काली पट्टी व धारीदार लकीरें बने जानवर को देख कर वह डर गया। जिसके बाद वह गन्ने के खेत चला गया। गांव में तेंदुए की खबर फैलते ही खलबली मच गई।
अलग–अलग थाना क्षेत्रों में दिखे दो तेंदुए
इलाके में ग्रामीणों ने तेंदुए की सूचना पुलिस और वन विभाग को दी। फतेहपुर रेंज के रेंजर पीके सिंह आनन फानन में टीम के साथ मौके पर पहुंच रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। फिलहाल वन विभाग की टीम को गन्ने के खेत में तेंदुआ नहीं दिखाई दिया, लेकिन उसके पगचिंह मिले हैं। वहीं सुबेहा इलाके में तेंदुए के होने से हड़कंप मच गया। बताया जा रहा कि शरीफाबाद के जंगल में तेंदुआ देखा गया था। सूचना के बाद पहुंचे वन दरोगा अनुज सिंह टीम के साथ कांबिंग शुरू की। जहां मौके से तेंदुए के पग चिन्ह पाए गए हैं।
जांच के लिए लैब भेजे गए तेंदुए के पग चिन्ह
रेंजर पीके सिंह ने बताया कि जंगली जानवर दिखने की सूचना पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। मौके पर मिले पदचिंह तेंदुए के प्रतीत हो रहे हैं।फिलहाल लैब से एक्सपर्ट की रिपोर्ट आने के बाद ही तेंदुआ या अन्य जंगली जानवर के होने की स्थित स्पष्ट कर सकेंगे। वहीं उन्होंने बताया कि रामनगर इलाके में पिंजरा रखने के लिए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से अनुमति मांगी गयी है।
ग्रामीणों से अकेले बाहर न निकले की अपील
वन विभाग की कई टीमें लाठी-डंडों के सहारे इलाके में कांबिंग कर रही है। साथ ही टीम ने ग्रामीणों से अपील की है कि लोग गांव के बाहर अकेले न निकले।
वन विभाग ने किया फेक वायरल वीडियो का खंडन
तेंदुआ दिखाई देने के बाद सोशल मीडिया में कथित रूप से एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ। वायरल वीडियो में एक बाघ चक मार्ग पर खेतों की ओर जाता दिखाई दे रहा है। इस वायरल वीडियो को वन विभाग ने फर्जी बताया है। वन विभाग के एसडीओ वरुण प्रताप सिंह ने बताया कि जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह फर्जी है। लोग वायरल वीडियो जैसी अफवाह में न पड़े।