समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का अयोध्या की घटना पर वक्तव्यः
बलात्कार पीड़िता के लिए सरकार अच्छे-से-अच्छा चिकित्सीय प्रबंध कराए। बालिका के जीवन की रक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार की है। माननीय न्यायालय से विनम्र आग्रह है कि स्वतः संज्ञान लेकर स्थिति की संवेदनशीलता और गंभीरता को देखते हुए अपने पर्यवेक्षण में पीड़िता की हर संभव सुरक्षा सुनिश्चित करवाएं।
बदनीयत लोगों का इस तरह की घटनाओं का राजनीतिकरण करने का मंसूबा कभी कामयाब नहीं होना चाहिए।
इस कुकृत्य के मामले में जिन पर भी आरोप लगा है उनका डीएनए टेस्ट कराकर इंसाफ़ का रास्ता निकाला जाए न कि केवल आरोप लगाकर सियासत की जाए। जो भी दोषी हो उसे क़ानून के हिसाब से पूरी सज़ा दी जाए, लेकिन अगर क्छ। ज्म्ैज् के बाद आरोप झूठे साबित हों तो सरकार के संलिप्त अधिकारियों को भी न बख्शा जाए। यही न्याय की माँग है।
इस दुखद घटना को भाजपा घटिया राजनीति करने से बाज आये। आखिर भाजपा की नियत साफ क्यों नहीं रहती है? भाजपा पीड़ित को न्याय दिलाने की जगह षडयंत्र और साजिश के तहत समाजवादी पार्टी को बदनाम करने में लगी है। भाजपा की इसी कुत्सित मानसिकता के कारण राज्य की कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। परिणाम स्वरूप अपराध बढ़ते जा रहे हैं।
भाजपा फैजाबाद (अयोध्या) लोकसभा की हार पचा नहीं पा रही है। भाजपा ने अयोध्या में पिछले सात सालों में जो भ्रश्टाचार व जमींनों की लूट की है, अयोध्या और प्रदेश की जनता ने उसे उसी की सजा दी है। लोकसभा चुनाव हारने के बाद भाजपा बौखलाई हुई है। घटना कहीं भी हो बिना जांच पड़ताल के समाजवादी पार्टी को बदनाम करने की नीयत से आरोप लगाना राजनीतिक द्वेष से प्रेरित है।