एक ऐसा शहर जो पहचाना जा रहा एक मिठाई की वजह से,ऐसी मिठाई जो पिछले 200 साल से दे रही एक-सा स्वाद
जी हाँ अगर आप भी मीठा खाने के शौकीन हैं, अगर मिठाई देख कर आप की जीभ को उसे चख लेने की तलब उठती है तो आप भी चले आइये जौनपुर जहाँ करीब 200 साल से इस इमरती के स्वाद में कोई फर्क नहीं आया है। बेनीराम की इमरती के नाम से फेमस इमरती लगातार लोगों के मुंह में मिठास घोल कर रही है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 250 किलोमीटर दूर जिला है जौनपुर। यहां लोग दूर-दूर से सिर्फ इमरती खाने आते हैं। जी हां, इस शहर की इमरती काफी मशहूर है। करीब 200 साल से इस इमरती के स्वाद में कोई फर्क नहीं आया है। बेनीराम की इमरती के नाम से फेमस इमरती लगातार लोगों के मुंह में मिठास पैदा कर रही है।यहाँ का जायका आपका मन मोह लेगा आप भी इसके स्वाद के दीवाने हो जायेंगे।
भारत में हुई है इमरती खोज
इमरती भारत में खोजी गई मिठाई है। यह अरब से आई जलेबी का देशी वर्जन कही जा सकती है। इसमें खास बात यह है कि जलेबी की तरह, यह भी डिजाइनदार बनाई जाती है, लेकिन इसके रंग में अंतर होता है। यह हल्के ब्राउन रंग की नजर आती है। आपको बता दें की , इमरती अगर आप जौनपुर के बाहर खा रहे हैं, तो वह नारंगी रंग की नजर आती है। इसके पीछे की वजह है इसमें ऊपर से मिलाए जाने वाला रंग। बेनीराम-देवी प्रसाद के प्रतिष्ठान की इमरती की खास बात है कि इसमें ऊपर से कोई रंग नहीं मिलाया जाता है।
देसी घी और देसी चीनी से बनती है खास इमरती
लकड़ी की धीमी आंच पर देसी चीनी (खांडसारी), देसी घी और उड़द की दाल को इस्तेमाल कर विशेष विधि से बनाई जाती है। यह इतनी मुलायम होती है कि यह मुंह में डालते ही घुल जाती है। जहां देश के अलग-अलग हिस्सों में मिलने वाली इमरती ताजी और गर्म ही खाई जाती है, वहीं जौनपुर की इस इमरती को गर्म तो खाया ही जा सकता है साथ ही इसको ठंडा करके खाने पर भी जबरदस्त स्वाद मिलता है। यहां की इमरती देश की नामचीन हस्तियों को तो छोड़िए विदेश में भी रहने वाले तमाम लोगों की खासा पसंदीदा है। इसकी सबसे खास बात है कि यह दस दिनों तक खराब नहीं होती, जबकि इसे फ्रिज में भी रखने की जरूरत नहीं पड़ती।