बागवानों को उन्नति की राह दिखा रहा फल उत्कृष्टता केंद्र
बीते दशकों में देश में अनाज फल और सब्जियों का उत्पादन भले ही बढ़ा हो लेकिन यह देश की तेजी से बढ़ती जनसंख्या के लिए नाकाफी साबित हो रहा है। यही कारण है कि उपजाऊ जमीनों की प्रचुरता के बाद भी देश को कई तरह के खाद्यानों और कृषि उत्पादों के लिए दूसरों देशों से आयात पर निर्भर होना पड़ता है।
देश के किसानों और खेती की हालात किसी से भी नहीं छुपी है। देश में क्षेत्रफल के नजरिए से उत्पादन भले ही बढ़ रहा हो लेकिन लागत के मुकाबले आज भी किसान लाभ नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं। इसका कारण खेती के लिए सरकार की पॉलिसी से लेकर उन्नत खाद बीज तकनीकी यंत्रीकरण प्रोसेसिंग भी है। किसानों के लिए खेती में जो सबसे बड़ी समस्या है वह है मार्केटिंग। किसान अनाज फल फूल सब्जियां आदि ऊगा तो लेता है लेकिन जब उसे बेचने की बारी आती है तो वह सरकार की ढुलमुल नीतियों के चलते क्रय केन्द्रों और मंडियों के चक्कर लगाकर थक जाता है। अंत में थक-हार कर वही अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने कृषि उत्पादों को औने पौने दामों पर बिचौलियों के हाथों बेचने के लिए मजबूर हो जाता है।
किसान की समस्या यहीं नहीं समाप्त हो जाती है बल्कि की सबसे बड़ी समस्या है कर्ज न चुकता कर पाना। किसान खेती कर्ज के बोझ से लगातार दबा रहता है और कर्जा न चुकता कर पाने की दशा में आत्महत्या जैसे कदम उठाने को भी मजबूर हो जाता है। सरकारी महकमों और उसके मुलाजिमों द्वारा किसानों को हेय दृष्टि से देखा जाना खेती के बर्बाद होने के प्रमुख कारणों में से एक है। इन्हीं सब कारणों से किसान अपने नौनिहालों को खेतीबाड़ी से दूर कर नौकरियों के लिए तैयार कर रहे हैं। अगर ऐसा ही रहा तो एक दिन खेती करने वाला कोई न बचेगा खेती और तब देश में भुखमरी के हालात पैदा होने में देर नहीं लगेगी। अगर खेती को बचाना है और खेती से मुँह मोड़ रहे किसानों और नौनिहालों को खेती से जोड़ना है तो खेती को रोजगार का मजबूत जरिया बनाना होगा। जब तक ऐसा नहीं होगा तब तक यूं ही किसान बर्बाद और तबाह होते रहेंगे। अगर यही हालात रहे तो देश के सामने खाद्यान्न संकट किस समस्या विकट रूप धारण कर लेगी।
किसानों के इन हालातों को सुधारने के लिए सरकारों द्वारा कोई ऐसा कदम नहीं उठाया जा रहा है जिससे खेती के लिए जरुरी चींजें समय से किसानों को मुहैया हो सकें साथ ही कृषि उत्पादों को समय से बाजार और उचित मूल्य मिल सके। जिन देशों ने खेती के महत्व को समझा है वहां की खेती ने उस देश की तरक्की के ना केवल रास्ते खोले हैं बल्कि वहां के खेती की तकनीकी भी देश दुनिया के में नजीर बन कर उभरी है। ऐसे देश दुनिया के दूसरे देशों को भी अपनी कृषि तकनीक के जरिए आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं। इन्हीं देशों में से एक है इजराइल। इस देश की की कृषि तकनीक की दुनिया भर में चर्चित है। यह सब यूँ नहीं संभव हुआ है बल्कि वहां के नौकरशाह से लेकर जनप्रतिनिधि और युवाओं से लेकर महिलाओं को अपने जिम्मेदारियों के अलावा खेतों में काम करते हुए देखा जा सकता है। यहां की खेती बाड़ी से तकनीकी और उससे जुडी आधुनिक मशीनरी यहाँ की खेती को बेहद ही आसान बना देते है।
इजरायल सरकार ने अपने इसी अत्याधुनिक कृषि तकनीकियों को तहत भारत सरकार से हुए एक समझौते के तहत खेती और बागवानी में सहयोग करने पर समझौता किया है। भारत सरकार के साथ हुए इस समझौते के तहत उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद में फल सब्जियों की खेती को बढ़ावा देने हेतु औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र बस्ती में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फार फ्रूट यानी फल उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की गई है। जिसके जरिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों को बागवानी में तकनीकी का उपयोग कर इस्तेमाल कर सस्ती खेती में ज्यादा उत्पादन किए जाने की जानकारियां प्रशिक्षण व तकनीकी उपलब्ध कराई जा रही है। इसी के साथ यहां पर उन्नत किस्म के पौधों की नर्सरी तैयार कर बागवानी के जरिये किसानों और युवाओं को बागवानी से जोड़ कर रोजगार मुहैया कराए जाने का काम भी किया जा रहा है। इस केंद्र के जरिये किसानों को मार्केटिंग और प्रोसेसिंग की जानकारियां भी दिए जाने का काम किया जा रहा है।
इजरायल द्वारा बस्ती जिले के उद्यान विभाग के मुख्य केंद्र बस्ती व प्रदर्शन क्षेत्र बंजरिया का चयन किया गया है। जहां हाईटेक तरीके से पौधशालाओं की स्थापना कर उसमें विभिन्न किस्मों के सब्जियों के पौधों व फलदार पौधों की नर्सरी तैयार कर किसानों को मुहैया कराने का काम किया जा रहा है। इस केंद्र को खेती के हाईटेक संसाधनों से लैस किया गया है। जिसमें ऑटोमेटिक सिंचाई व उर्वरक संयंत्र, मौसम पूर्वानुमान यंत्र, हाईटेक पौधशाला व प्रशिक्षण केंद्र सहित कई प्रकार के उन्नत तकनीकों को देखा जा सकता है।
फल उत्कृष्टता केंद्र बस्ती द्वारा फल एवं सब्जियों के उत्पादन में वृद्धि के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों को उन्नतशील पौधे हाईटेक नर्सरी, पाली हाउस व नेट हाउस के जरिए तैयार कर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस केंद्र पर देश विदेशों के उन्नतशील प्रजातियों का संकलन कर उन की नर्सरी तैयार किए जाने का काम भी किया जा रहा है।
राज्य सरकार के सहयोग से स्थापित फल उत्कृष्टता केंद्र में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए आधुनिकतम तरीकों से कार्य किया जा रहा है। जिससे दूसरे रोजगार की तरफ मुड़ चुके युवाओं को भी बागवानी से जोड़कर उन्हें रोजगार मुहैया कराये जाने पर कार्य किया जा रहा है। यहां की विशेषताएं जो इस केंद्र को किसानों के लिए मुफीद जानी जा सकती हैं व निश्चित ही बागवानी के दिशा में एक अनूठा कदम होगी साबित होंगी।
हाईटेक नर्सरी में पौधों को तैयार करने पर किसान लेते है जानकारी - सेंटर आफ एक्सीलेंस फॉर फ्रूट के इस क्षेत्र में लगभग 1152 वर्ग मीटर में आधुनिक व उच्च तकनीकी से युक्त पौधशाला स्थापित की गई है। जिसमें किसानों के लिए प्रतिवर्ष लगभग 1000000 पौधे तैयार किए जा रहें है इसका उद्देश्य किसानों को फल सब्जियों से अधिक उत्पादन प्राप्त करने हेतु अथवा बीमारियों से मुक्त पौधे उपलब्ध कराना है। इस पौधशाला को इस टेक्नोलॉजी से तैयार किया गया है जिससे पूरे वर्ष यहां पौधे तैयार किए जा रहे हैं। इसमें पौधों के आवश्यकता के अनुसार तापक्रम व अधिक के जाने की सुविधा है। इस हाईटेक नर्सरी को पूरी तरीके से मजबूत पॉलीथिन शीट से तैयार किया गया है इसके चलते पौधों के ऊपर कीट व बीमारियों का प्रकोप शून्य है, और पौधशाला में पौध उत्पादन के लिए मिट्टी की जगह पर कोको पीट और वर्मीकुलाईट, एवं परलाइट का प्रयोग किया जाता है जिससे बीजों का जमाव अच्छा होने के साथ ही पौधों की बढ़वार बड़ी तेजी से होती है। इस पौधशाला में टमाटर, मिर्च, शिमला, मिर्च,गोभी, बैगन,पपीता,तोरई,लौकी,भिन्डी,कद्दू व करेला आदि के सब्जी पौध तैयार कर लागत मूल्य पर ही किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
नेचुरली वेंटिलेटेड पाली हाउस - इस पाली हाउस को 2016 वर्ग मीटर में स्थापित किया गया है इसमें पौधों को नियंत्रण दशा में रखने पर बड़ी तेजी से पौधो की वृद्धि होती है । इसमे आम की विभिन्न प्रजातियों के कलमी पौधे तैयार किये जाते है। यहाँ से कलम बांधे गए पौधों को परिपक्वता के लिए शेड नेट हाउस में हस्तांतरित किया जाता है। इन पौधों को ऑटोमेटिक टेक्नोलॉजी के जरिए पोषक तत्व व पानी उपलब्ध कराया जाता है इसमें एक साथ एक साथ 25000 कलमी आम के पौधे तैयार किये जा सकते हैं।
शेड नेट हाउस - फल उत्कृष्टता केंद्र में शेड नेट हाउस की भी स्थापना की गई है। यह 2016 वर्ग मीटर के क्षेत्र में स्थापित किया गया है। इसमें भी एक साथ 25000 कलमी पौधे तैयार कर परिपक्वता हेतु रखे जा सकते हैं। शेड नेट हाउस में नेचुरली वेंटिलेटेड पाली हाउस में तैयार किए गए कलमी पौधों को हस्तांतरित किया जाता है। यहां इन पौधों को ऑटोमेटिक विधि द्वारा निर्धारित मात्रा में उर्वरक व पानी उपलब्ध कराया जाता है साथ ही समय-समय पर पेस्टीसाइड का छिड़कांव कर रोग व कीट से मुक्त रख जाता है। यहां से तैयार किए गए स्वस्थ पौधें किसानों को बिक्री के लिए उपलब्ध कराये जाते है।
इन्सेक्ट प्रूफ नेट हाउस- इस केंद्र में तैयार होने वाले आम के कलमी पौधों के लिए 2016 वर्ग मीटर में इन्सेक्ट प्रूफ नेट हाउस में आम के 290 मातृवृक्ष तैयार करने हेतु बड़े-बड़े सीमेन्ट के गमलों में रोपित किया गया है। जिससे कलमी पौधों को तैयार करने हेतु सायन स्टिक यानी ग्राफ्टिंग ,कीट व बीमारी से पूर्णतः मुक्त रहे।
ऑटोमेटिक फर्टिगेशन यूनिट- बागवानों को सिंचाई व उर्वरक के समुचित उपयोग की जानकारी देने व केन्द्र के प्रदर्शन ब्लाक व नेचुरली वेन्टीलेटेड के पौधों के लिए कंप्यूटर प्रोग्रामिंग से जुड़े ऑटोमेटिक फर्टिगेशन यूनिट की स्थापना की गई है। इसके जरिये यहां तैयार होने वाली नर्सरी के पौधों को जरूरत के मुताबिक पोषक तत्व व सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसके लिए इस संयंत्र में अलग-अलग टैंको मे रखे हुए उर्वरक को इस से जोड़ा गया है इसमे रखे गए खाद, पोषक तत्व व उर्वरक स्वतः ही पानी में घुल कर पौधों में पहुंच जाता है।
आटोमैटिक मौसम (वेदर) स्टेशन- फल उत्कृष्ठता केंद्र में पौधों को समय से सिंचाई के उपलब्धता हेतु ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन की स्थापना की गई है जो प्रतिदिन के वातावरण में वाष्पीकरण की मात्रा को रिकार्ड करता है । इस केंद्र के प्रभारी अधिकारी सुरेश कुमार द्वारा बताया कि आटोमेटिक वेदर स्टेशन द्वारा मिट्टी से पानी के वाष्पीकरण,अधिकतम व न्यूनतम तापमान,आपेक्षित आर्द्रता की रीडिंग 24 घंटे वेदर स्टेशन द्वारा रिकार्ड की जाती है। जिसकेे आधार पर फसलों को दी जाने वाली पानी की मात्रा की गणना कर कम्प्यूटर मे प्रोग्रामिंग कर दिया जाता है।
फल उत्कृष्टता केंद्र में तैयार हो रहे आम की रंगीन प्रजातियों से बढ़ेगी किसानों की आय- संयुक्त निदेशक उद्यान बस्ती मंडल डा0 आर0के0 तोमर ने बताया कि किसानों, महिलाओं और युवाओं को बागवानी के जरिए रोजगार से जोड़ने के लिए केन्द्र पर विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों व भारतीय अनुसंधान संस्थानों द्वारा विकसित की गई आम की रंगीन प्रजातियों के पौधों को संकलित कर उनका मदर ब्लाक लगाया गया है जिससे क्षेत्र के किसानों को आम की रंगीन प्रजाति के पौधे तैयार कर उपलब्ध कराये जा सके ताकि किसान आम की बागवानी से अच्छी आमदनी प्राप्त कर सके।
किसानों की क्षमता बढाने के लिए बागवानी की ट्रेनिंग- प्रभारी अधिकारी, सुरेशा कुमार नें बताया कि बागवानी से जुड़े किसानों के क्षमतावर्धन के लिए इजरायल सरकार के सहयोग से केन्द्र परिसर में अत्याधुनिक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना भी की गई है। यहां पर बस्ती मण्डल सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों को बागवानी की नवीनतम तकनीकी के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है। पिछले वर्ष यहाँ पर विभिन्न जिलों के 2150 किसानों को प्रशिक्षित किया गया,इस वर्ष 500 किसानों के प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा गया है। बीते वर्ष विभिन्न जिलों के 52 किसानों को हरियाणा राज्य के करनाल जनपद के घरोंडा में स्थापित सेन्टर आफ ऐक्सीलेन्स में आधुनिक बागवानी का प्रशिक्षण भी कराया गया है।
डा0 आर0के0 तोमर ने बताया कि इस केंद्र पर किसानों को फल उत्पादन, सघन बागवानी , नर्सरी तैयार करने, कैनोपी प्रबंधन, पुराने बागों का जीर्णोंधार व ड्रिप सिंचाई ,मशरूम उत्पादन,मधुमक्खी पालन व माली प्रशिक्षण की जानकारी व प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
डा0आर0के0 तोमर ने बताया कि बागवानी की लागत में कमी लाने व कीट बीमारियों से पौधों के बचाव के साथ ही उन्नतशील पौधों की नर्सरी तैयार करने से लेकर अधिक उत्पादन देने व प्रोसेसिंग मार्केटिंग से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारियां केंद्र के जरिए किसानों को दी जा रही हैं। जिससे पूर्वांचल के किसान बागवानी को अपना कर इसे रोजगार का साधन बना सकें। उन्होंने बताया की केंद्र का मुख्य उद्देश्य किसानों की आमदनी में वृद्धि करने के साथ ही उनके स्वस्थ जीवन स्तर को बढ़ावा देना भी है। इस केंद्र से जुडी अधिक जानकारी, ट्रेनिंग व नर्सरी के लिए यहाँ के प्रभारी अधिकारी सुरेश कुमार से टेलीफोन नम्बर - 05542-246843 पर संपर्क किया जा सकता है।