मोदी सरकार महिलाओं को दे रही 5000 रूपये, आप भी उठा सकते हैं लाभ।
मोदी सरकार भारत के नागरिकों के लिए बेहतरीन योजनायें चला रही हैं। तमाम ऐसी योजनाएँ हैं जो आप के लिए लाभदायक हो सकती है। ऐसी ही एक योजना के बारे में हम बता रहे हैं।
आप भी मोदी सरकार की इस योजना के माध्यम से 5000 रुपए की राशि प्राप्त कर सकते हैं. यह योजना केवल प्रेगनेंट महिलाओं के लिए ही है .प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना pmmvy(पीएमएमवीवाई) योजना मोदी सरकार(modi government )के नेतृत्व में चलाई जाने वाली विशेष पहल है जिसका मुख्य मकसद प्रेगनेंट और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार करना है. इन महिलाओं को मॉनिटरी इंसेंटिव प्रदान करके कार्यक्रम का मकसद कुपोषण के असर को कम करने के साथ-साथ चिकित्सा उपचार और दवा खर्च से जुड़े खर्च की परेशानियों को कम करना है.
पीएम मातृ वंदना योजना में प्रेगनेंट महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को 5,000 रुपए का नकद पैसा दिया जाता है , जो तीन किश्तों में डीबीटी के जरिए सीधा महिलाओं के बैंक अकाउंट में भेजा जाता है.आपको बता दें कि प्रेगनेंट महिला को इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन के समय 1,000 रुपए की पहली किस्त दी जाती है, और उसके बाद छठे महीने समय कम से कम एक जांच के बाद 2,000 रुपए की दूसरी किस्त लाभार्थी के खाते में भेज दी जाती है. और अंत में बच्चे के जन्म के रजिस्ट्रेशन के बाद 2,000 रुपए की तीसरी और अंतिम किस्त खाते में भेज दी जाती है.
इस योजना के लिए कौन हो सकते हैं पात्र
PMMVY योजना का मकसद उन महिलाओं को लाभ देना है जो रोजाना मजदूरी करके पैसा कमाती हैं या आर्थिक रूप से कमजोर हैं. इस स्कीम का उद्देश्य गर्भावस्था के दौरान मजदूरी के नुकसान को कम करना है और महिलाओं को बेहतर इलाज की सुविधा देना है. फिर भी यह ध्यान रखना आवश्यक है कि इस स्कीम का लाभ किसी भी केंद्रीय या राज्य सरकार के उपक्रम से जुड़ी महिलाओं तक पहुंचाना है. इस योजना का लाभ केवल पहले बच्चे को जीवित होने की स्थिति में मिलता है.मिलती हैं ये सुविधाएं
मोदी सरकार की PMMVY योजना का भारत में महिलाओं के स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ा है. इस योजना ने प्रेगनेंट महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को बेहतर इलाज और देखभाल की सुविधा प्रदान की है, जिससे कुपोषण के प्रतिकूल प्रभाव में कमी आई है और उनके स्वास्थ्य में काफी सुधार हुआ है. इसके अलावा, योजना द्वारा प्रदान किए गए वित्तीय प्रोत्साहनों ने प्रेगनेंट महिलाओं और उनके परिवारों को खर्च में काफी मदद की है. इससे महिलाओं को इलाज और दवा की लागत के अलावा बिना तनाव के आराम और आत्म-देखभाल करने का मौका मिला है.