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लगुनहीं में हुआ वशिष्ठ ग्रंथालय का भव्य उद्घाटन

 लगुनहीं में हुआ वशिष्ठ ग्रंथालय  का भव्य उद्घाटन



बस्ती के एक छोटे से गांव लगुनहीं में गांव के युवकों के सहयोग से गांव का ही युवा माही यादव के अथक प्रयास और स्वयं के संसाधन  से वशिष्ठ ग्रंथालय का उद्घाटन मुख्य अतिथि , वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर रामनरेश सिंह मंजुल एवं अष्टभुजा शुक्ल, अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम गोरक्ष प्रांत डॉ राजेश कुमार मिश्र ,महामंत्री भारतीय जनता पार्टी विवेकानंद मिश्र एवं शशांक त्रिपाठी ने किया इस अवसर पर मंजुल जी ने कहा कुछ कार्य ऐसे होते हैं जिसे हर कोई नहीं कर सकता पुस्तकालय की स्थापना कोई साहित्यानुरागी ही कर सकता है लोगों के अंदर हमें पढ़ने की भावना जगानी होगी उद्घाटन के अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार अष्टभुजा शुक्ल ने कहा की आज के इस दौर में जब मल्टीमीडिया सेट मोबाइल की संख्या बढ़ रही है पुस्तके गौण हो रही हैं ऐसे में यदि कोई पुस्तकालय की स्थापना करता है तो वह निश्चित रूप से प्रणम्य  है ।इस अवसर पर कलरव सांस्कृतिक कार्यक्रम का बहुत ही सुंदर आयोजन हुआ। अपनी प्रस्तुति से बच्चों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया



 पुस्तकालय उद्घाटन के अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में प्रारंभ डॉ शिवा त्रिपाठी की वाणी वंदना से हुआ कार्यक्रम का संचालन डॉ राजेश कुमार मिश्र ने किया और उन्होंने पढ़ा 


बन सके जो प्रेरणा सारे समाज का,

 वंदे मातरम बने हमें वो दिया तो जगदीप सिंह दीप ने अपने गीत ग़ज़ल से खूब वाहवाही बटोरी पढ़ा

कवि होने से भी अच्छी बात यहीं जगदीप ,कभी जैसा सभी का ये मन होना चाहिए।


गजलकार आफताब आलम ने अपने गजलों से सभी को तालियां बजाने पर विवश किया अवसर पर ग्राम प्रधान विजय कुमार मिश्र, सुरेंद्र यादव ,जंग बहादुर यादव ,रवि दूबे ,अर्जुन पांडेय,अनूप कुमार, गुलाबचंद, पूर्णमासी विश्वकर्मा, अनिल यादव,शिवानंद ,देवानंद ,विकास ,विशाल, धर्मवीर ,गुंजा यादव, संध्या,रिंकी आदि उपस्थित रहे

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