विज्ञान का अर्थ तथा विशेषताएँ
(MEANING AND CHARACTERISTICS OF SCIENCE)
मार्टिण्डेल का कथन है कि विज्ञान का सम्बन्ध वैज्ञानिक पद्धति से है, किसी विशेष विषय सामग्री से नहीं। विज्ञान के अर्थ को स्पष्ट करते हुए प्वाइकर ने लिखा है, "विज्ञान तथ्यों से इस प्रकार बनता है जिस प्रकार ईंटों से मकान लेकिन जिस प्रकार ईंटों के ढेर मात्र को हम मकान नहीं कह सकते, ठीक उसी प्रकार तथ्यों के संकलन मात्र को भी विज्ञान नहीं कहा जा सकता।" इस प्रकार विज्ञान के लिए वैज्ञानिक पद्धति का उपयोग होना इसकी सर्वप्रमुख कसौटी है। पियर्सन ने भी इस तथ्य को स्पष्ट करते हुए कहा है कि "विज्ञान की एकता केवल उसकी पद्धति में है, उसकी विषय-सामग्री में नहीं इस प्रकार तथ्यों का वर्गीकरण करना, उन्हें क्रमबद्ध करना तथा उनकी तुलना के आधार पर निष्कर्ष प्रस्तुत करना ही विज्ञान का प्रमुख कार्य है। "
विज्ञान के उपर्युक्त अर्थ से यह निष्कर्ष निकलता है कि किसी विशेष विषय को ही विज्ञान नहीं कहा जा सकता। विज्ञान का सम्बन्ध एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण अथवा वैज्ञानिक पद्धति से है। यह वह पद्धति है जो पक्षपातरहित होकर तथ्यों का अवलोकन करने पर बल देती है, उन प्रविधियों का उपयोग करती है जिनके द्वारा तथ्यों को परीक्षा की जा सके प्रत्येक तथ्य को उसके यथार्थ रूप में देखने का प्रयत्न करती है तथा तथ्यों के आधार पर एक सामान्य निष्कर्ष प्रस्तुत करती है। इस प्रकार जिस विषय के अध्ययन में भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाया जाता है, उसे विज्ञान की श्रेणी में रखा जा सकता है। विज्ञान की इन सभी विशेषताओं को संक्षेप में अग्रांकित रूप से समझा जा सकता है:
(1) वैज्ञानिक पद्धति का प्रयोग-वह विज्ञान का सर्वप्रमुख तत्व है जिसके आधार पर ही किसी विषय को
विज्ञान की श्रेणी के अन्तर्गत रखा जा सकता है। वैज्ञानिक पद्धति का तात्पर्य एक ऐसी कार्यविधि से है जिसमें पक्षपात रहित होकर तथ्यों का उसी रूप से अध्ययन किया जाता है जैसे कि वे वास्तव में है।