चरनी में जन्मे यीशु, महागिरजाघर में कटा 70 किलो का केक, मसीही समुदाय में उल्लास का क्षण
बिशप ने बाइबिल का पाठ कर दुनिया में शांति और खुशहाली के लिए प्रार्थना की।
वाराणसी कैटुमेंट छावनी स्थित महागिरजाघर में प्रभु की चरनी में जन्म की झांकी सजाई गई और बाइबिल का पाठ हुआ। जैसे ही शांति दूत का जन्म हुआ पूरा हाल उत्साह से भर गया। महागिरजा में 70 किलो का केट काटा गया और सभी ने एक दूसरे को बधाई दी।
रात 12 बजते ही प्रभु यीशु के जन्मोत्सव का उल्लास छा गया। चर्चों की घंटियां बजते ही कैरोल गूंज उठे। गिरजाघरों से लेकर मसीही घरों में प्रभु यीशु के जन्म की खुशी में केक कटे। मेरी क्रिसमस..., जिंगल बेल... जैसे गीत फिजा में गूंज उठे। छावनी स्थित महागिरजा में प्रभु की चरनी में जन्म की झांकी सजाई गई। यहां बिशप फादर यूजीन जोसेफ ने 70 किलो का केक काटा।
बिशप ने बाइबिल का पाठ कर दुनिया में शांति और खुशहाली के लिए प्रार्थना की। बुधवार को गिरजाघरों में प्रार्थना सभा होगी।महागिरजाघर परिसर में तीन दिवसीय क्रिसमस मेला शुरू हो गया। उधर, मंगलवार की रात 12 बजने से पहले महागिरजा में लोग प्रभु की आराधना के लिए पहुंच गए थे। रात 10:30 बजे से बाइबिल पाठ के जरिये प्रभु यीशु के जन्म, उनके जीवन चरित्र और उनकी महिमा का गान हुआ। पुरोहितों ने मीसा पूजा के साथ पाप की माफी, पाठ व प्रवचन के बाद रोटी व दाखरस पर प्रार्थना हुई। रात 12 बजे के बाद प्रभु यीशु के जन्म के बाद चरनी में रखे प्रभु के बाल स्वरूप को चूमने व छूने के लिए होड़ मची रही। इस दौरान पल्ली पुरोहित फादर अगस्टीन केके, पुरोहित फादर थामस, फादर संजय आदि रहे।