सरकारी माल कोतवाली से ग़ायब
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है। जिसके चलते 1981 से यहाँ की एक कोतवाली से सरकारी माल गायब होता आ रहा है। इस मामले में जांच के बाद आलाधिकारियों के निर्देशन पर पुलिस द्वारा तत्कालीन पांच मलखाना इंचार्ज ( मुंशियों ) पर सरकारी माल के गबन का मुकदमा दर्ज किया गया है।
आपको बता दे कि इस कोतवाली के मालखाने से सैकड़ो गोलियां ( कारतूस ) बॉडी प्रोटेक्टर और अन्य सामान गायब हुए है।
दरसअल मामला नगर कोतवाली कहां है जहां पर बताया जा रहा है कि सन 1981 से 2020 तक यहां के मालखाने से 787 गोलियां ( कारतूस ), 10 बॉडी प्रोटेक्टर ,5 हेलमेट और 99 चार्जर क्लिप गायब हुई है। इस मामले में जांच के बाद आलाधिकारियों के निर्देशन पर नगर कोतवाली पुलिस ने तत्कालीन 5 मलखाना इंचार्ज ( मुंशी ) सुरेश गिरी, सतपाल सिंह, बलजोर, वीर सिंह और डिग्री प्रसाद के विरुद्ध सरकारी माल के गबन की धारा 409 में मुकदमा दर्ज किया गया है जबकि इस मामले के छठे आरोपी मुंशी वेद प्रकाश की मृत्यु हो चुकी है।
इस घटना के बारे में अधिक जानकारी देते हुए एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि जो गवर्नमेंट प्रॉपर्टी होती है जब उसमें कुछ मिलान कराया गया तो उसमें कमियां पाई गई तो उसके संबंध में एसपी ट्रैफिक की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की गई थी, उसे कमेटी ने इसमें पाया है कि जो गवर्नमेंट प्रॉपर्टी है उसमें कुछ कमियां है मुख्यतः कुछ कारतूस की कमियां थी, इसके संबंध में जांच कमेटी की जो रिपोर्ट है उसके आधार पर थाना कोतवाली नगर पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है, इसमें गवर्नमेंट प्रॉपर्टी का जो थाने पर कस्टोडियन होता है जो मलखाना मोर्डीज होता है एवं 1981 से लगातार इसमें कमियां चली आ रही थी तो इसमें एक मृत एडमोरियल है उसके खिलाफ क्योंकि मुकदमा बनता नहीं है एवं इसके अलावा जो पांच अन्य हेड कांस्टेबल रहे हैं उनके खिलाफ यह मुकदमा पंजीकृत किया गया है, इस पूरे प्रकरण की विवेचना की जा रही है और जो विवेचना में एविडेंस आएंगे उसके आधार पर एज फॉर मेरिट कार्रवाई की जाएगी, इसमें मेनली 3 नोट 3 के कारतूस लगभग 1990 से कम आए हैं एवं मोस्टली पुलिस मुठभेड़ के दौरान जो कारतूस यूज होते हैं वह कारतूस कम पाए गए हैं और इसके संबंध में जो विधिक करवाई है वह अमल में लाई जाएगी।