लेखक: मुकेश कुमार, वरिष्ठ पत्रकार
विश्व गुलाब दिवस: कैंसर मरीज़ों के लिए आशा और संवेदना का प्रतीक
आज विश्व गुलाब दिवस के अवसर पर हम उन सभी कैंसर मरीज़ों को याद करते हैं जो जीवन की कठिन लड़ाई लड़ रहे हैं। यह दिन न केवल उनके साहस और संघर्ष को सम्मान देने का अवसर है, बल्कि हम सभी के लिए यह एक मौका है कि हम उनके प्रति अपना प्रेम और समर्थन व्यक्त करें। कैंसर से जूझ रहे मरीज़ों को एक गुलाब का फूल देकर यह संदेश देना चाहिए कि वे अकेले नहीं हैं, बल्कि उनके साथ एक पूरा समाज खड़ा है।
इस दिन का महत्व कैंसर से लड़ रहे लोगों में हिम्मत और सकारात्मकता बनाए रखना है। यह दिन हर साल **22 सितंबर** को मनाया जाता है ताकि हम यह सुनिश्चित कर सकें कि वे मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत रहें। कैंसर का इलाज न केवल शरीर पर असर डालता है, बल्कि मरीज़ के मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में उनका मानसिक और भावनात्मक संबल बनाए रखना अत्यंत आवश्यक हो जाता है।
मेरा पत्रकारिता का अनुभव मुझे सिखाता है कि ऐसे मरीज़ों के जीवन में खुशियाँ लाना, उनकी देखभाल करना, और उनके साथ कुछ पल बिताना बेहद महत्वपूर्ण होता है। मैंने अपने चिकित्सक मित्रों से यह भी सीखा है कि कई बार ऐसे मरीज़, जिनके ठीक होने की उम्मीद न के बराबर होती है, आश्चर्यजनक रूप से ठीक हो जाते हैं, जब उन्हें सही उपचार के साथ मानसिक समर्थन भी मिलता है।
आज इस विश्व गुलाब दिवस पर, आइए हम सब मिलकर कैंसर से लड़ रहे किसी मरीज़ को गुलाब का फूल भेंट करें, उनके साथ कुछ समय बिताएँ, और अगर संभव हो तो उन्हें आर्थिक मदद भी प्रदान करें ताकि वे अपनी चिकित्सा प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकें। यह छोटा सा कदम उनके जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है।
कैंसर से लड़ाई सिर्फ दवाओं की नहीं, बल्कि धैर्य, प्रेम, और आशा की भी है। हम सभी का कर्तव्य है कि हम इन मरीज़ों को यह विश्वास दिलाएँ कि उनके साथ पूरा समाज खड़ा है।
गुलाब दिवस की यह प्रेरणा हम सभी को यह याद दिलाती है कि जीवन में प्रेम, करुणा, और आशा के गुलाब हमेशा खिलते रहें।