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10 करोड़ की परियोजना में भ्रष्टाचार का दीमक लगा, बारादरी की छत गिरी, बुजुर्ग की मौत

रिपोर्ट - हरेंद्र शुक्ला 

10 करोड़ की परियोजना में भ्रष्टाचार का दीमक लगा, बारादरी की छत गिरी, बुजुर्ग की मौत 

जिलाधिकारी ने जांच के लिए टीम गठित की, ठेकेदार सहित अन्य जिम्मेदार लोगों पर FIR का आदेश 

वाराणसी के रामनगर बलुआ घाट के सुंदरीकरण में भ्रष्टाचार से बृहस्पतिवार को एक बारादरी (बैठने के लिए बनाया गया पत्थर का स्थायी निर्माण) की गुंबदनुमा छत अचानक ढह गई। छत के मलबे के नीचे दबकर बुजुर्ग की मौत हो गई। 

सूचना पाकर रामनगर थाने की पुलिस पहुंची और बुजुर्ग का शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। यहां विकास परियोजनाओं पर करीब 10 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।रामनगर थाना क्षेत्र में किला के समीप बलुआ घाट का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री घाट किया गया है। 

इसके साथ ही 130 मीटर लंबे घाट पर सुंदरीकरण का कार्य इन दिनों कराया जा रहा है। चंदौली के मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के परोरवा गांव निवासी मजदूर मेवालाल उर्फ बाबाजी (60) प्रत्येक बृहस्पतिवार को रामनगर किला के पास शहीद बाबा की मजार में मत्था टेकने आते थे। इसके बाद वह बलुआ घाट पर बनी बारादारी में बैठ कर लाई-चना खाते थे।

अपराह्न लगभग 3.15 बजे वह बारादरी पर बैठकर लाई-चना खा रह थे। उसी दौरान गुंबदनुमा छत भहरा कर उनके ऊपर गिर पड़ी। मलबे के नीचे दबे मेवालाल की मौके पर ही मौत हो गई। मलबे के नीचे दबकर मलहिया निवासी भाईलाल के पालतू कुत्ते ने भी दम तोड़ दिया।

रामनगर थाने की पुलिस ने मेवालाल के परिजनों को सूचना दी और उनके शव को मलबे के नीचे से बाहर निकलवाया। पुलिस की सूचना पर आई मेवालाल की पत्नी लक्ष्मीना और दो बेटों दशमी व राजन का रो- रोकर बुरा हाल था। 

उधर, इस संबंध में जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने बताया कि घटना की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है। निर्माण कार्य से संबंधित ठेकेदार और अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया है।

निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर लोगों ने उठाए सवाल

बलुआ घाट पर हो रहा सुंदरीकरण का काम सवालों के घेरे में है। बबलू साहनी ने कहा कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर हम लोगों ने अफसरों से शिकायत की थी, लेकिन जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई। पूर्व सभासद अशोक साहनी ने कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत से घटिया निर्माण कार्य हुआ है। उसका खामियाजा एक गरीब परिवार को भुगतना पड़ा। पूर्व सभासद संतोष शर्मा ने कहा कि एक मजदूर की जान जाने के बाद भी अगर अधिकारी नहीं चेते तो इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और कुछ नहीं होगा।

यूपीपीसीएल समेत सभी अधिकारियों की - भूमिका पर सवाल

कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव की शिकायत और आला अफसरों की हिदायत को नजरअंदाज करने का नतीजा सबके सामने है। मानकों के विपरीत निर्माण सामग्री के इस्तेमाल की कलई बलुआ घाट पर बन रहे बारादरी की छत गिरने के साथ खुल गई। दरअसल उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) की ओर से शास्त्री घाट का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इसकी लागत करीब 10 करोड़ रुपये है। लंबाई 130 मीटर और चौड़ाई 70 मीटर है। इसके तहत यहां कई कार्य हो रहे हैं। इनमें प्रकाश व्यवस्था, पार्किंग, बायो टॉयलेट, सीसी रोड, बारादारी निर्माण आदि शामिल हैं। सितंबर 2023 में विधायक ने पर्यटन मंत्री से शिकायत की थी।

यूपीपीसीएल ने जांच कर अपनी रिपोर्ट दी। जिससे विधायक संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने फिर मुख्यमंत्री से शिकायत की। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने भी यहां के अधिकारियों को हिदायत दी थी। निर्माण सामग्री का सैंपल लेकर लैब से जांच कराने को कहा था। यहां दक्षिणी दीवार पहली बारिश में बह गई थी। 





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