प्राथमिक विद्यालय के अंदर पक्की कब्र का निर्माण
कौशांबी ज़िले में एक प्राथमिक विद्यालय ऐसा है जहा पर ज़िंदा इंसान जाना पसंद नही करते है। ऐसे में स्कूल जाने के लिए छात्र-छात्राएं हिचकिचाते है। स्कूल के अलग बगल मुस्लिम कब्रस्तान है। इसका खुलासा तक हुआ जब दो सगे भाइयों ने अपनी बहन की कब्र को ईंट-गारे के मसले से पक्की बनवा दी। हालांकि हेड मास्टर की शिकायत पर कब्रिस्तान को मिटा दिया गया।
मामला पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के अषाढा गांव का है। बताया जा रहा है कि 3 दिन की छुट्टी के बाद प्राथमिक स्कूल के हेड मास्टर राजकुमार बर्मा ने जब स्कूल खोला तो बाउंड्री के अंदर बनी कब्र को हासिम और कासिम ने पक्की बनवा दी थी, ये देख कर पढ़ने आए बच्चे डर गए। हेड मास्टर ने इसकी शिकायत बीएसए समेत पश्चिम शरीरा पुलिस से की, जानकारी होने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया। और एसडीएम मंझनपुर आकाश सिह, बीएसए पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुच गए। आनन-फानन में कब्र को मिटाया गया। और आरोपियों हाशिम और काशिम पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ़्तार कर लिया गया।
इस सरकारी विद्यालय को बनाने से पहले बेसिक शिक्षा विभाग के लोगों ने किस तरह से जांच की होगी यह आज पता चल रहा है, क्योंकि इस शिक्षा के मंदिर को बनाने के लिए जब अधिकारियों को कहीं जगह नहीं मिली तो वे कब्रिस्तान में ही स्कूल का निर्माण करवा दिया। अब डर की वजह से स्कूल मे छात्र-छात्रों की संख्या बहुत ही काम हो गयी है।
बताया जा रहा है कि हासिम और कासिम दोनों सगे भाई है। इनकी बहन सितारा की मौत साँप काटने से 30 साल पहले हो गयी थी। सितारा को इसी कब्रिस्तान में दफनाया गया था। प्राथमिक स्कूल बना फिर उसमें शासन की तरफ से बाउंड्री करवाई गई। जिसमें सितारा की कब्र भी बाउंड्री के अंदर आ गयी। ये कब्र तब से उसी तरह पड़ी हुई थी। लेकिन जब स्कूल 3 दिन के लिए बंद हुआ तो उसके भाइयों ने कब्र को पक्की बनवा दी।