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अखिलेश यादव ने सरकार पर कसा तंज,राजनीति हुई तेज



 समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री एवं कन्नौज से लोकसभा सदस्य  अखिलेश यादव ने आज लोकसभा में केन्द्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि बजट में किसानों, युवाओं, बेरोजगारों, गांवों की उपेक्षा हुई है। इनकी तकलीफों और परेशानी के प्रति बजट उदासीन है। भाजपा सरकार के 11 बजट के बाद महंगाई, बेरोजगारी की समस्या और बढ़ गयी है। इस महंगाई में घर चलाना, बच्चों की पढ़ाई और बुजुर्गों की दवाई की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है।

    अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की दस साल की सरकार और 11वें बजट के बाद सरकार बताएं की देश हंगर इन्डेक्स में दुनिया के पैमाने पर कहां खड़ा है। इस बजट में उत्तर प्रदेश को कोई बड़ा प्रोजेक्ट नहीं मिला। न कोई आईआईएम मिला और न कोई आईआईटी मिली।

    इस सरकार ने किसानों को फसलों की एमएसपी की गारन्टी नहीं दी। किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई। सरकार ने बड़े-बड़े सपने दिखाए लेकिन जमीन पर कुछ नहीं दिखाई दे रहा है। जबसे यह सरकार आयी है तबसे रेल दुर्घटना और पेपर लीक में कम्पटीशन चल रहा है कि कौन आगे रहेगा।

    अखिलेश यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार ने उत्तर प्रदेश में केन्द्रीय बजट से न कोई बड़ी शैक्षिक संस्था दी, न कोई मेडिकल संस्था दी और न कोई एक्सप्रेस-वे दिया। उत्तर प्रदेश में रायबरेली और गोरखपुर में जो एम्स बने उसे समाजवादी सरकार ने जमीन दिया तब बन पाए। भाजपा सरकार दस साल में दोनों एम्स में सुविधा नहीं दे पा रही है। पर्याप्त इलाज नहीं मिल पा रहा है।

    इस सरकार ने मेकिंग इंडिया के नाम पर कहा कि निजीकरण से नौकरियां मिलेंगी। संस्थाएं निजी हाथों में चली गयी लेकिन नौकरियां कम हो गयीं। इस सरकार में पीडीए परिवार को हक और सम्मान नहीं मिला, उन्हें धोखा मिला।

  अखिलेश यादव ने कहा कि अगर बजट बहुत अच्छा है तो देश का निर्यात क्यों कम हो रहा है? व्यापार घाटा कैसे खत्म करेंगे? भाजपा ने जनता को सिर्फ सपने दिखाए हैं। बड़े-बड़े दावे और वादे किए। अगर अच्छा किया होता तो उत्तर प्रदेश में भाजपा इस तरह नहीं हारती-जैसा लोकसभा का परिणाम आया है। जनता भाजपा को समझ चुकी है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ही नहीं हारी बल्कि प्रधानमंत्री जी भी वोट के हिसाब से हारे हैं। पांच और दस लाख से जीतने के दावे किए जा रहे थे। परिणाम जो आया है पूरे देश ने देखा।

   अखिलेश यादव ने भाजपा नेताओं के झूठ और दावों की शायरी के माध्यम से कहा कि ‘‘वो झूठ बोल रहा था बड़े सलीके से, मैं एतबार न करता तो क्या करता।‘‘

  अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार चलने वाली नहीं गिरने वाली सरकार है। इसने नौजवानों की सेना की नौकरी आधी अधूरी कर दी। समाजवादी लोग सेना की अग्निवीर की नौकरी कभी स्वीकार नहीं करेंगे। जब सत्ता में आएंगे इसे खत्म कर देंगे। इस सरकार ने इस बजट में भी आधारभूत ढांचे के मामले में उत्तर प्रदेश की उपेक्षा की। अगर सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के गाजीपुर से बलिया होकर बक्सर तक 25 किलोमीटर जोड़ देती तो देश को भागलपुर से दिल्ली तक एक्सप्रेस-वे मिल जाता। उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार ने अपने बजट से देश का सबसे बेहतरीन आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे बनाया।

    पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन खरीदी, डिजायन किया। प्रधानमंत्री जी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया लेकिन उसे कोई केन्द्रीय बजट नहीं मिला। हमने अयोध्या से जनकपुर तक एक्सप्रेस-वे बनाने की मांग की थी। यूपी ने अपने बजट से चार लेन का बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे बनाया। इस एक्सप्रेस-वे को सतना और हरिद्वार से जोड़ना चाहिए। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी ने ग्वालियर से लिपूलेख तक 6 लेन का सुझाव दिया था।

   अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार कह रही है कि देश में मोबाइल बनने लगे है। ये जो मोबाइल बन रहे हैं समाजवादी सरकार के समय में बनायी गयी औद्योगिक नीति के तहत नोएडा में आये थे। जितना भी उद्योग आया उसी नीति के तहत आया। उनके लिए जमीन समाजवादी सरकार ने दी थी।

   अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार कहती है कि वह एफडीआई लायी लेकिन उस एफडीआई का एक फीसदी भी यूपी को नहीं मिला। जिन परियोजनाओं में देरी हो रही है उसकी जिम्मेदार डबल इंजन की सरकार है।

   अखिलेश यादव ने कहा कि यह चलने वाली नहीं गिरने वाली सरकार है। अपनी सरकार चलाने के लिए केन्द्र सरकार ने बजट में दो राज्यों को पैकेज दिया है। भाजपा तोड़-फोड़ कर सरकार बनाती है। पिछले बजट में सरकार ने कहा कि एग्रीकल्चर ग्रोथ के लिए एक लाख करोड़ रूपये देंगे। उसका क्या हुआ। इसमें यूपी को एक भी मंड़ी नहीं मिली। सरकार प्राकृतिक खेती की बात करती है लेकिन उसके लिए बजट क्या है? सरकार ने किसानों को डीएपी के साथ नैनो यूरिया खरीदने पर मजबूर किया लेकिन नैनों यूरिया से किसानों को क्या लाभ हुआ। यूपी में इन्वेस्टर मीट हुआ। साढ़े चार लाख करोड़ के निवेश का दावा किया लेकिन उसके लिए क्या बजट दिया। इन्वेस्टर मीट में पीएम से लेकर तमाम केन्द्रीय मंत्री और देश के बड़े-बड़े मंत्री आये लेकिन उससे उत्तर प्रदेश को क्या मिला। नौजवानों को रोजगार क्यों नहीं मिला। किसानों के लिए कृषि क्षेत्र में बड़े-बड़े एमओयू हुए लेकिन जमीन पर एक भी नहीं उतरा।

    समाजवादी पार्टी की सरकार में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अमूल का प्लांट लगवाया गया लेकिन उसके बाद इस क्षेत्र में भाजपा सरकार में कोई काम नहीं हुआ। भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश को सबसे महंगी बिजली दे रही है। केन्द्रीय सरकार में बिजली का कोटा नहीं बढ़ाया। वादा करने के बाद भी किसानों को मुफ्त बिजली नहीं दे रही है।          

            

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