बदायूं गार्ड ऑफ ऑनर के साथ शहीद सैनिक मोहित राठौर का अंतिम संस्कार।
नम आँखों से दी गई शहीद सैनिक को अंतिम विदाई,अंतिम संस्कार में शामिल हुए हजारों लोग।
उत्तर प्रदेश के जनपद बदायूं में स्थित बिल्सी तहसील थाना इस्लामनगर क्षेत्र के गांव सवानगर के रहने वाले मोहित राठौर शहीद हो गए। शनिवार को जम्मू-कश्मीर के मच्छल सेक्टर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए देश के जवान मोहित ने शाहादत दे दी।
बदायूं के सवानगर गांव में रविवार यानि की आज सैनिक मोहित राठौर का पार्थिव शरीर सेना के अफसर लेकर पहुंचे। तो जनसैलाब उमड़ पड़ा। जहां एक ओर मोहित राठौर की शाहदत पर फख्र है वहीं लोगों में पाकिस्तान के प्रति गुस्सा फूटा और लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए।
सेना के अफसरों की मौजूदगी में बदायूं डीएम और एसएसपी गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
शहीद मोहित के पिता नत्थू सिंह ने नम आँखों से बेटे को मुखाग्नि दी।
देश के लिए बलिदान हुए मोहित के पिता ने कहा कि मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। लेकिन वहीं सभी की आंखे नम थी।
शहीद सैनिक मोहित का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो उमड़ा जनसैलाब-:
बदायूं जिले गांव सवानगर शहीद मोहित का पार्थिव शरीर पहुंचा तो इस्लामनगर से गांव सवानगर तक हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे। जिले के अफसर,जन प्रतिनिधि ,बूढ़े ,बच्चे और जवान सभी ने दुख जताया। लेकिन एक तरफ मोहित का बलिदान सबको देश भक्तिमय किए हुए था। शव पहुंचते ही सबने एक स्वर में वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगाए और शीश झुका कर सलामी दी।
पिता का इकलौता बेटा था मोहित तीन बहनों का लाडला-:
सवानगर गांव के रहने वाले नत्थू सिंह का इकलौता बेटा मोहित राठौर और तीन बहनों का लडला भाई था। बचपन से ही सेना में जाने का जज्बा रहा और 2017 में जैसलमेर यूनिट में भर्ती हुआ था। कुछ समय पहले ही जम्मू-कश्मीर के लिए मोहित को भेजा गया। शनिवार को मच्छल सेक्टर में आतंकवादियों से हुई मुठभेड में वो लोहा लेते शहीद हो गए। और डेढ़ वर्ष पहले ही रूचि के साथ उनका विवाह हुआ था। आज जब पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो पत्नी और परिवार पार्थिव शरीर से लिपट गए। मौजूद ग्रामीण बिलख उठे।