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आर्य मुसाफिर पंडित लेखराम ने वैदिक धर्म से भटके लोगों को रास्ता दिखाया

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आर्य मुसाफिर पंडित लेखराम ने वैदिक धर्म से भटके लोगों को रास्ता दिखाया

स्वामी दयानंद पूर्व माध्यमिक विद्यालय में आर्य मुसाफिर पंडित लेखराम की 126वीं पुण्यतिथि मनाई गई इस अवसर पर बच्चों को शिक्षकों द्वारा उनके जीवन से प्रेरणा लेने की प्रेरणा दी गई। इस अवसर पर प्रधानाध्यापक गरुण ध्वज पाण्डेय और शिक्षक अनूप कुमार त्रिपाठी ने बताया कि पंडितजी आर्य समाज के प्रमुख कार्यकर्ता एवं समर्पित प्रचारक थे। वे अहमदिया मुस्लिम समुदाय के नेता मिर्जा गुलाम अहमद से शास्त्रार्थ एवं उसके दुष्प्रचारों के खण्डन के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। पंडित लेखराम ने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए हिंदुओं को धर्म-परिवर्तन से रोका व शुद्धि अभियान के प्रणेता बने। उनका जीवन हमारे लिए अनुकरणीय है।स्वामी दयानन्द का जीवनचरित् लिखने के उद्देश्य से उनके जीवन सम्बन्धी घटनाएँ इकट्ठी करने के सिलसिले में उन्हें भारत के अनेकानेक स्थानों का दौरा करना पड़ा। इस कारण उनका नाम 'आर्य मुसाफिर' पड़ गया। पं॰ लेखराम हिंदुओं को मुसलमान होने से बचाते थे। एक कट्टर मुसलमान ने 6 मार्च सन् १८९७ को ईद के दिन, 'शुद्धि' कराने के बहाने, धोखे से लाहौर में उनकी हत्या कर दी।


कार्यक्रम में मुख्य रूप से नितीश कुमार, अनीशा, प्रियंका, कुमकुम, साक्षी, शिवांगी, अरविंद श्रीवास्तव, आकृति दुबे आदि ने उनके जीवन से प्रेरणा लेने की नसीहत दी।


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