कबीर संजय
गर्भवती मादा चीते की मौत दिल तोड़ने वाली है...
इस पोस्ट के साथ जो फोटो लगाई गई है, उसे ध्यान से देखिएगा। धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाला जीव चीता है। पिछले एक साल में सबसे ज्यादा चर्चा अगर किसी जानवर को मिली है तो वो है चीता। कभी हमारी धरती पर चीता बेखौफ फर्राटे भरा करता था। लेकिन, वो विलुप्त हो चुका है। कूनो में उसे फिर से बसाने की कोशिश की जा रही है।
लेकिन, जो बात जानने वाली है वो ये है कि चीते की दो प्रजातियां अस्तित्व में है। एक तरफ तो अफ्रीकी चीते हैं जो अफ्रीका महाद्वीप के अलग-अलग देशों में रहते हैं। दूसरी तरफ एशियाई चीते हैं जो अब सिर्फ ईरान में बचे रह गए हैं। हमारे देश में जिन चीतों का निवास था, वे एशियाई चीते थे। अब दुनिया में सिर्फ ईरान में एशियाई चीते बचे रह गए हैं। माना जाता है कि इनकी संख्या 30 से भी कम रह गई है। पोस्ट में जो फोटो लगाई गई है वो एक मादा चीते की है जो कल ईरान के अपने जंगल में सड़क पार करने की कोशिश में हादसे की शिकार हो गई। मर गई। जब उसका पोस्ट मार्टम हुआ तो पता चला कि वो गर्भवती थी।
उसके पेट में तीन बच्चे थे। जरा अंदाजा लगाईये, एक प्रजाति जिसकी संख्या ही सिर्फ तीस के लगभग बची रह गई हो, उसमें इस मादा की मौत कितनी बड़ी क्षति है। उसके अजन्मे तीन बच्चों की मौत कितनी बड़ी क्षति है। एशियाई चीतों के बचने की उम्मीद लगातार कम होती जा रही है।
दूसरी तरफ आज की खबर है कि मध्य प्रदेश के कूनो में अफ्रीका के नामीबिया से लाकर बसाए गए चीतों में से एक मादा जिसे वन्यजीव वैज्ञानिक साशा कहा करते थे, उसकी मौत हो गई है। कहा जा रहा है कि उसे किडनी संबंधी कोई बीमारी थी। जिसके चलते वो मर गई। कहा तो यह जा रहा है कि यह बीमारी उसे पहले से थी। लेकिन, क्या पता कि उसे यह बीमारी यहां पर आकर हो गई हो।
क्योंकि, प्रजातियां जिस पर्यावास में रहने के लिए विकसित होती हैं, वहां की आबोहवा में घुली-मिली हुई होती हैं। पता नहीं अफ्रीकी शेर और अफ्रीकी हाथी भी भारत में कितना सर्वाइव कर पाएंगे।
सचमुच, ईरान में हुई इस गर्भवती मादा चीते की मौत दिल तोड़ने वाली है...
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