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खाने को गर्म करके खाने की आदत आपको कर देगी बीमार - योगाचार्या सन्नो दूबे


खाने को गर्म करके खाने की आदत आपको कर देगी बीमार - योगाचार्या सन्नो दूबे 



हरी सब्जियों को यदि बार-बार गर्म किया जाता है तो उसकी तासीर में बहुत ही अप्रत्याशित बदलाव आ जाता है। आप खाने को जितने बार गर्म करते हैं उसके भीतर उतना ही केमिकल रिएक्शन होता जाता है जो पोषक तत्वों को जहर में बदल देता है ऐसे में यह बात जान ले ली बहुत जरूरी है कि खाना कब खतरनाक हो जाता है और इस को प्राकृतिक रूप से कैसे गर्म रख सकते हैं। इस लेख के माध्यम से हम यह जानेंगे कि भोजन को गर्म करने पर वह किस तरह से खतरनाक रूप अख्तियार कर लेगा।



आज हम आपके लिए कैसे खबर लेकर आए हैं जो आपके लिए बहुत ही जरूरी है जी हां आज हम बात करेंगे गर्म खाने की। आजकल की भागदौड़ वाली लाइफस्टाइल लोगों को खाने पीने में काफी मुश्किल पैदा कर रही है लोग जो पा रहे हैं वही खाते जा रहे हैं। तेजी से बदलता फूड कल्चर हमारी आदतों में धीरे-धीरे पैठ बना चुका है। हम कुछ भी खाने के मजबूर तो नहीं है लेकिन कुछ भी खा जाने की लत हमें लग चुकी है। ऐसे में एक सबसे जरूरी बात जो होती है वह होती है कि खाना हमको कब और कैसे खाना चाहिए। खाना हमेशा गर्म और ताजा होना चाहिए लेकिन वह इतना भी गर्म ना हो कि शरीर को नुकसान ही पहुंचाने लग जाए। खाना हमेशा हल्का गरम खाना चाहिए जिससे पाचन तंत्र में मौजूद एंजाइम को तेजी से रिलीज करने में मदद मिले। यदि हम हल्का गर्म खाना खाते हैं तो या खाना जल्दी पचता है और हमारी सेहत भी बनी रहती है।

योगाचार्या सन्नो दूबे 
हमने बात की योगाचार्या सन्नो दुबे से तो उन्होंने कहा कि आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में लोगों को तीनों टाइम गरम खाना मिल पाना काफी मुश्किल सवाल है इसके लिए लोग बासी खाने को बार-बार गर्म करते हैं लेकिन ऐसा करना बहुत ही खतरनाक होता है खासतौर से आलू अंडा चिकन और हरी सब्जियों को यदि बार-बार गर्म किया जाता है तो उसकी तासीर में बहुत ही अप्रत्याशित बदलाव आ जाता है। आप खाने को जितने बार गर्म करते हैं उसके भीतर उतना ही केमिकल रिएक्शन होता जाता है जो पोषक तत्वों को जहर में बदल देता है ऐसे में यह बात जान ले ली बहुत जरूरी है कि खाना कब खतरनाक हो जाता है और इस को प्राकृतिक रूप से कैसे गर्म रख सकते हैं। इस लेख के माध्यम से हम यह जानेंगे कि भोजन को गर्म करने पर वह किस तरह से खतरनाक रूप अख्तियार कर लेगा।

 क्या होता है जब आलू को गर्म किया जाता है

 जब कभी हम आलू की सब्जी को बार-बार गर्म करते हैं तो उसमें बैक्टीरिया पनपते जाते हैं और उसके विटामिन और मिनरल के गुण खत्म होते जाते हैं यदि आप लंच में आलू से बना कोई ना कोई आइटम लेते ही रहते हैं जिसे हम बार-बार गर्म करके खाते रहते हैं लेकिन अगर विशेषज्ञों की बात हम माने तो आलू को दोबारा गर्म नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आलू में मौजूद विटामिन सी, बी 6 पोटैशियम जैसे आदि पोषक तत्व एकदम से खत्म हो जाते है। आपको जानकर हैरानी होगी को उबले या पके हुए आलू में नार्मल टेंपरेचर पर क्लोस्ट्रीडीएम बोटूलिनम नामक बैक्टीरिया पनपने लगता है जो बाद में फूड प्वाइजनिंग का कारण भी बन सकता है। इसलिए आपको आलू को पकाने के कुछ घंटे के भीतर ही इसको खा लेना चाहिए पके उबले हुए आलू को फ्रिज में रखना भी खतरनाक माना जाता है इससे इसमें बैक्टीरिया बहुत तेजी से पनपने लगते हैं।

 दोबारा गर्म करने पर अंडा हो जाता है जहरीला

 कई लोग सुबह नाश्ते में अंडा या आमलेट भी लेना पसंद करते हैं और उसे लंच के लिए भी रख लेते हैं फिर दोपहर में उसी अंडे का आमलेट को गर्म करके खाना पसंद करते हैं लेकिन आपको हम बता दें यह सेहत के लिए काफी घातक साबित हो सकता है। अंडे में नाइट्रोजन होता है जो दोबारा गर्म करने पर कार्सिनोजेनिक में बदल जाता है। लंबे समय तक ऐसे खाने के उपयोग से आप कैंसर की जद में भी आ सकते हैं। वैसे तो हर तरह के खाने को दोबारा गर्म करने से उसमें केमिकल रिएक्शन होता है जो कि उसके प्राकृतिक स्वभाव को बदल देता है लेकिन नाइट्रेट और प्रोटीन वाले खाने के साथ ऐसा करना ज्यादा खतरनाक साबित होता है चिकन और सोयाबीन में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है दोबारा गर्म करने पर यह प्रोटीन टूटकर जहरीला बन जाता है जिससे फूड प्वाइजनिंग के चांसेस बढ़ जाते हैं। आपको बता दें कि हरी सब्जियों साग चुकंदर और गाजर में नाइट्रेट पाया जाता है जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद है लेकिन बार-बार गर्म करने से यह नाइट्रेट ऐसे केमिकल में बदल जाएगा जो कैंसर का कारण बन सकता है।

 ठंडे खाने में पनपने पर कीटाणु गरम करने के बाद भी नहीं मरते

 बिना पके हुए चावल आलू और दूसरी सब्जियों में कई सूक्ष्मजीवी पाए जाते हैं जो पकाने के बाद खत्म हो जाते हैं लेकिन खाना जैसे ही ठंडा होता है यह सोच मुजीबी पहले से ज्यादा तेजी से पनपने लगते हैं क्योंकि खाने को पहली बार पकाते हुए उसके पोषक तत्व कुछ हद तक टूट जाते हैं। यह बैक्टीरिया जैसे सोच में जीवीओ के पनपने के लिए काफी मुफीद स्थिति मानी जाती है खाना के ठंडे होने के बाद उसमें जोश उसमें जीवी पनपते हैं वह उस खाने को कई बार गर्म करने के बाद भी खत्म नहीं होते हैं क्योंकि वह अपने आप को उस टेंपरेचर के हिसाब से मेंटेन कर लेते हैं यही वजह है कि चावल को भी दोबारा गर्म करने की सलाह नहीं दी जाती है।

 ऐसे रख सकते हैं खाने को प्राकृतिक रूप से गर्म

 खाने को प्राकृतिक तरीके से गर्म रखना आज के समय में संभव हो चुका है इसके लिए बाजार में तमाम बर्तन उपलब्ध है यह बर्तन 8 से 10 घंटे तक खाने को गर्म रखने की क्षमता रखते हैं ऐसे में लंच बॉक्सेस भी उपलब्ध हैं मगर इन बर्तनों को खरीदते हुए ध्यान रखें कि यह किस धातु से बने हैं नकली और पतले किस्म के मेटल खाने के साथ रिएक्शन करते हैं जिससे खाना खराब हो जाता है इसके लिए प्लास्टिक का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए आजकल गर्म पानी के सहारे खाने के गर्म रखने वाले बर्तन भी मिलने लगे हैं।

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