धर्मेन्द्र पाण्डेय की रिपोर्ट
गुरु नानक देव की जयंती के अवसर पर स्वामी दयानंद विद्यालय के बच्चों ने किया यज्ञ
सिख समाज के आदि गुरु नानकदेव की जयंती के अवसर पर स्वामी दयानंद विद्यालय में बच्चों शिक्षकों द्वारा वैदिक यज्ञ कर उनके प्रति भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने बच्चों को बताया कि आज कार्तिक पूर्णिमा का पावन पर्व पूरे देश में अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। प्राचीन काल से ही इस दिन लोग यज्ञ व दान करते आ रहे हैं। आज भी इस पर्व पर पवित्र नदियों में स्नान करके यज्ञ तप व दान करते हैं। यह पर्व हमें पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देता है। बताया कि मानवीय गुणों में एक प्रमुख गुण है "क्षमा" और क्षमा जिस भी मनुष्य के अन्दर है वो किसी वीर से कम नही है। तभी तो कहा गया है कि " क्षमा वीरस्य भूषणं और क्षमा वाणीस्य भूषणं " क्षमा साहसी लोगों का आभूषण है और क्षमा वाणी का भी आभूषण है। बलवान वो नहीं जो किसी को दण्ड देने की सामर्थ्य रखता हो अपितु बलवान वो है जो किसी को क्षमा करने की सामर्थ्य रखता हो। उन्होंने बच्चों को ब्रह्म मुहूर्त में उठने, व्यायाम करनें, व्यक्तिगत स्वच्छता व सुबह पढने के साथ माता पिता का पैर छूकर विद्यालय आने के लिए प्रेरित किया गया। उत्तम संस्कार ही व्यक्ति के जीवन मूल्य को बढ़ाते है इसलिए विद्यार्थियों को विद्वानों व माता पिता के उत्तम संस्कारों को ग्रहण करना चाहिए। इस अवसर पर प्रधानाध्यापक आदित्यनारायन गोस्वामी ने कहा कि गुरूनानक देव जी का सम्पूर्ण जीवन दीन दुखियों की सेवा में ही बीता वे सदैव मानवता को ही वैदिक धर्म मानते थे। वैदिक धर्म के अनुयायी होने के कारण इनके कुल का नाम भी वेदी था। इनकी शिक्षाएं समाज के लिए आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। आज पूरा देश उनके लिए कृतज्ञता ज्ञापित कर रहा है। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से अनूप कुमार त्रिपाठी, अरविन्द श्रीवास्तव, नीतीश कुमार, अनीशा, साक्षी, कुमकुम, आकृति द्विवेदी, शिवांगी, वन्दना, रामरती व राधा देवी आदि ने प्रतिभाग किया। यज्ञ मे विद्यालय के समस्त छात्र छात्राओं एवं शिक्षक शिक्षिकाओं ने आहुतियां दी।