प्राकृतिक चिकित्सा अपनाएं अपने को निरोगी पाएं - सन्नो दुबे
प्राकृतिक चिकित्सा विज्ञान बहुत ही अद्भुत है यह आप स्वयं कर सकते हैं क्योंकि प्राकृतिक चिकित्सा में आहार ही औषध माना गया है सुबह का नाश्ता हमें सलाद और फल से करना चाहिए दोपहर में अन्न का प्रयोग करना चाहिए और रात में भोजन एकदम कम करना चाहिए जिससे हमारी शरीर स्वस्थ्य रह सके
बस्ती। महिला स्नातकोत्तर बस्ती महाविद्यालय, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में समाहित कौशल विकास पाठ्यक्रम के अंतर्गत बी. ए. द्वितीय वर्ष ( तृतीय सेमेस्टर ) की छात्राओं के लिए योग में प्रमाण पत्र प्रशिक्षित करने हेतु छठवें दिन पंचम राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर योग चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। चिकित्सा शिविर की आयुष विभाग बस्ती की योग प्रशिक्षिका सन्नो दुबे ने बताया कि 18 नवंबर को आज पूरा भारत वर्ष प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया जा रहा है प्राकृतिक चिकित्सा गांधी जी ने शुरुआत की थी और उनका कहना था कि प्राकृति हमारे शरीर में ही है आकाश वायु अग्नि जल पृथ्वी से बना है मिट्टी पानी नभ धूप हवा सब रोगों की एक दवा।
सन्नो दुबे ने बताया कि प्रकृति से जुड़ने से हमारा शरीर निरोगी रहेगा। प्राकृतिक चिकित्सा विज्ञान बहुत ही अद्भुत है यह आप स्वयं कर सकते हैं क्योंकि प्राकृतिक चिकित्सा में आहार ही औषध माना गया है सुबह का नाश्ता हमें सलाद और फल से करना चाहिए दोपहर में अन्न का प्रयोग करना चाहिए और रात में भोजन एकदम कम करना चाहिए जिससे हमारी शरीर स्वस्थ्य रह सके आज के इस लाइफ स्टाइल में हमारा पूरा दिनचर्या ही बदल कर रख दिया है प्राकृतिक चिकित्सा हमें यही सिखाती है कि आहार ही औषधि है।
इस अवसर पर डॉक्टर संतोष यदुवंशी ने कहा जीवन का आधार ही प्रकृति है और इसी प्रकृति से ही हमको औषधि प्राप्त होती है यदि हमारा जुड़ाव प्रकृति से निरंतर बना रहे तो हम स्वस्थ्य रहेंगे एवं हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सदैव बना रहेगा। इस क्रम में योग प्रशिक्षिका सन्नो दुबे और डॉ संतोष यदुवंशी ने छात्राओं को स्वस्थ्य रहने के ढेर सारे टिप्स बताये।