अमृत सरोवर योजना के तहत हरैया के 28 बड़े तालाबों की शुरू हुई तलाश
जिले के सभी ब्लाकों में बड़े तालाबों का होगा कायाकल्प कर किए जाएंगे विकसित
केन्द्र सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट योजना माना जा रहा है अमृत सरोवर
योजना को अमली जामा पहनाने के लिए तेजी से शुरू हुई कवायद
बस्ती, कप्तानगंज।शासन द्वारा वर्षा का जल संचय करने व गांवों में खत्म हो चुके तालाब पोखर को फिर से जीवित करने के लिए अमृत सरोवर योजना शुरू की गई है।जो केंद्र सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट योजना मानी जा रही है।जिसके तहत हरैया तहसील के 28 राजस्व गांव के अभिलेखों में दर्ज बड़े तालाबों की खोज शुरू हो गई है। जिसके तहत तहसील के सभी ब्लाकों में 28 तालाब इस योजना के तहत बानाए जाएंगे। जिसमें तालाबों की खुदाई कराकर उसके किनारे नीम, पीपल, कटहल, जामुन, बरगद आदि के वृक्ष लगाए जाएंगे। वहीं लोगों के टहलने के लिए सुंदर फुटपाथ बनाया जाएगा। एक एकड़ भूमि वाले या उससे अधिक भूमि वाले तालाब अमृत सरोवर योजना में शामिल किए जाएंगे। इस योजना को अमली जामा पहनाने की कवायद शुरू हो गई है।
बताते चलें तो हरैया तहसील के 1535 राजस्व गांव के भू अभिलेखों में 28 बड़े तालाब दर्ज है।हालांकि अभिलेखों में दर्ज अधिक्तर तालाबों पर दबंगों और कास्तकारो के अबैध कब्जे के चलते तालाब कहीं सिकुड़ चुके हैं तो कहीं खत्म हो चुके हैं। केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अमृत सरोवर के तहत शासन के निर्देश के क्रम में जिम्मेदार अधिकारियों के निर्देश पर विभाग की ओर से ग्राम पंचायतों में एक एकड़ या फिर इससे ऊपर के तालाबों की खोज शुरू हो गई है। राजस्व विभाग के जरिए ग्राम पंचायतों स्थित तालाबों व उनकी मौजूदा स्थिति की रिपोर्ट मांगी गई है। विभाग की डिमांड को देखते हुए चयनित ग्राम पंचायतों में तालाब के लिए आरक्षित भूमि की पैमाइश शुरू हो गई है। बताया जाता है कि जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा। बताया जाता है कि इस योजना के शुरूआत के लिए जिले में पांच तालाब चिन्हित भी हो चुके हैं जिसमें हरैया तहसील के दो तालाब पदमापुर और पिपरा काजी मे है। सूत्रों की मानें तो जनपद में इस योजना की शुरुआत 16 भी को हरैया से होनी है।
भू जलस्रोत का स्तर गिरने से रोकने में मदद मिलेगा
तेजी से घट रहे जलस्तर को तालाब निर्माण से भू जलस्रोत का स्तर गिरने से रोकने में मदद मिलेगी। तालाब में भराया जाने वाले पानी का इस्तेमाल ग्रामीण अन्य कार्यों में भी ले सकेंगे। साथ ही ग्राम पंचायतों की सुंदरता भी बढ़ेगी। अमृत सरोवर योजना के तहत बनने वाले तालाबों में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि गांव के नाले का पानी तालाब में न पहुंचे। इसके लिए जरूरत पड़ने पर नाले को मोड़ा भी जाएगा। उपायुक्त श्रम मनरेगा कमलेश कुमार सोनी ने बताया कि अमृत सरोवर योजना के तहत बनने वाले तालाबों को स्वच्छ और सुंदर बनाया जाएगा। ऐसे गांवों में तालाब बनाने की वरियता दी जाएगी जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आदि के गांव है। ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी जिसमें बर्षा का जल संचय हो सके। आगामी 15 अगस्त तक यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
तालाबों के चिन्हांकन के साथ अतिक्रमण हटवाने का कार्य शुरू
हरैया तहसील के 1535 राजस्व गांव के अभिलेखों में 28 बड़े तालाब चिन्हित है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हरैया अमृतपाल कौर ने बताया कि राजस्व कर्मियों को निर्देशित किया गया है। अभिलेखों में दर्ज तालाबों को चिन्हित कर अगर उन पर अतिक्रमण है तो उसे अतिशीघ्र हटाया जाए। जिससे अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के साथ जल संचय हो सके।