प्रदूषण जांच न कराने वालों में कमिश्नर, डीआईजी की भी गाड़ियां
डीएम और एसपी के वाहन के भी प्रदूषण प्रमाण पत्र हो चुके हैं एक्सपायर
आरटीओ कार्यालय ने 300 सरकारी वाहनों की जारी की सूची
पीयूसी एक्सपायर होने पर 10 हजार है जुर्माना
वाहन दोपहिया हो चार पहिया अथवा उससे बड़ा वाहन वैध प्रदूषण प्रमाण पत्र (पीयूसी) नहीं होने पर एमवी एक्ट के तहत अगर चालान होता है तो दस हजार रुपए जुर्माना भरना पड़ेगा। जबकि पीयूसी बनवाने का चार्ज दोपहिया के लिए 50 रुपए, पेट्रोल कार के लिए 70 रुपए और डीजल कार व अन्य भारी वाहनों के लिए शुल्क 100 रुपए निर्धारित है। प्रमाण पत्र की वैधता पर नजर डाले तो बीएस-4 सीरिज की गाड़ी के लिए एक साल और बीएस-4 सीरिज से नीचे वाले वाहनों के लिए छह माह की वैधता है। प्रदूषण जाच के लिए जिले में 14 एजेंसियां इसके लिए नामित की गई है।
बस्ती। आमजन को छोड़िए यहां तो साहब ही पर्यावरण को लेकर जागरूक नहीं है। बड़े साहब जिस गाड़ी से चलते हैं पता ही नहीं चलता है वह पर्यावरण बचाने में सहयोग कर रहा है या प्रदूषण बढ़ाने में क्योंकि जिस वाहन से वह और उनके मातहत चल रहे हैं प्रदूषण प्रमाण पत्र एक्सपायर हो चुका है।
अब सीएम ने सख्ती बरती है तो आनन-फानन में आरटीओ ने भी सरकारी विभागों में संचालित ऐसे करीब तीन सौ वाहनों की सूची जारी कर दी है जिनका प्रदूषण प्रमाण पत्र एक्सपायर हो चुका है। इस सूची में कमिश्नर, डीआईजी, डीएम और एसपी की भी गाड़ी शामिल है। पिछले सप्ताह सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने वाहनों को लेकर फिटनेस और प्रदूषण समेत अन्य कागजातों की जांच करने का सख्त आदेश जारी किया तो उसका असर बस्ती में भी दिखा। संभागीय परिवहन •विभाग (आरटीओ) ने कम्प्यूटर से डाटा निकाला तो पता चला कि जिले में विभिन्न सरकारी विभागों में चल रहे तीन सौ से अधिक वाहनों का प्रदूषण सार्टिफिकेट (पीयूसी) एक्स्पायर हो चुका है। जानकार हैरानी होगी कि इस सूची में कमिश्नर,डीआईजी, डीएम,एसपी,मुख्य वन संरक्षक, जिला वन अधिकारी, जिला क्षय रोग अधिकारी, क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक, संयुक्त निदेशक कृषि, मुख्य चिकित्साधिकारी, सुपरिटेंडेंट पोस्ट ऑफिस, प्रधानाचार्य आईटीआई सहित दर्जनों अधिकारी और उनके कार्यालय में संचालित वाहन शामिल हैं। डीएम सौम्या अग्रवाल ने 21 मई को आदेश दिया जिले के सरकारी वाहनों के प्रदूषण की जांच होगी।
डीएम ने कहा सभी कार्यालय में संचालित शासकीय वाहन का प्रदूषण सर्टिफिकेट प्रमाण पत्र नजदीकी प्रदूषण जांच केन्द्र से प्राप्त करना अनिवार्य है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि आपके कार्यालय के शासकीय वाहन के द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप उत्सर्जन हो रहा है। सरकार द्वारा किसी वाहन के वायु प्रदूषण फैलाए जाने पर रुपए 10 हजार का जुर्माना तय किया है।
कुछ वाहन नंबर जिनका पीयूसी एक्सपायर है।
UP51G0026, UP51 G0028, UP51 G0041. UPS1 G0050, UP51 G0076 UPS1 G0077, UP51 G0078 UP51 G0079, UP51G0083. UPS1 G0084, UP51 G0085, UP51 G0087, UP51 G0083 UP51 G0084 UPS1G0087 UP51. G0090, UP51 G0097 UPS1 G0100. UPS1 G0101 UPS1 G0102, UPS1 G0110, UPS1 G0111, UP51 GD122 UP51 G0150, UP51 G0160, UP51G0178, UP51 G0180, UP51G0183, UP51 G0242, UP51 G0293 UP51 G0307 UP51 G0339, UP51 J0958