विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर विशेष
एक सेनेटरी पैड से सुलझ गईं ढेर सारी उलझनें
किशोरी ने बदला व्यवहार तो कई दिक्कतों से पाया पार
गोरखपुर। एक सेनेटरी पैड ने प्रिया (बदला हुआ नाम) की ढेर सारी उलझनों को सुलझा दिया । कभी माहवारी के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करने वाली 19 वर्षीया इस युवती को किशोरावस्था में पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशन (पीएसआई)-द चैलेंज इनिशिएटिव ऑफ हेल्दी सिटीज (टीसीआईएचसी) के सहयोग से आयोजित किशोरी दिवस पर मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जानकारी मिली थी। इसके बाद उन्होंने अपना व्यवहार बदल लिया और उन्हें इसका लाभ भी मिला ।
शहर के ट्रांसपोर्टनगर की मलिन बस्ती की रहने वाली युवती ने बताया कि कोविड काल के पहले तुर्कमानपुर हेल्थ पोस्ट पर उन्हें किशोरी दिवस के अवसर पर बुलाया गया था। कार्यक्रम में जाने से पहले वह पीरियड के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करती थीं। उन्हें जानकारी नहीं थी कि सरकारी अस्पतालों से निःशुल्क सेनेटरी पैड मिलता है। कपड़े के इस्तेमाल के कारण निजी अंगों में खुजली, जलन और कई बार माहवारी के अनियमित होने की समस्या आती थी । किशोरी दिवस पर उन्हें बताया गया कि मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता व्यवहार न अपनाने पर आगे चल कर सर्वाइकल कैंसर या गर्भाशय संबंधित दिक्कतें भी आ सकती हैं । उन्हें निःशुल्क पैड दिया गया । जब से उन्होंने सेनेटरी पैड का इस्तेमाल शुरू किया यह दिक्कतें समाप्त हो गयीं। अब माहवारी नियमित आती है और खुजली या जलन की भी समस्या नहीं है।
प्रिया बताती हैं कि उन्हें मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई के बारे में भी बताया गया है। सेनेटरी पैड हर चार घंटे में बदलना है । निजी अंगों की सफाई साबुन से नहीं करनी है। गुनगुने पानी से अंगों की सफाई करनी है। आरामदायक अंडरगार्मेंट पहनने हैं । माहवारी के दौरान कपड़े के इस्तेमाल के दौरान कई बार स्कूल जाने पर कपड़े गंदे हो जाते थे लेकिन सेनेटरी पैड से यह दिक्कत भी सुलझ गयी है। इस सुविधा का लाभ सभी किशोरियों को लेना चाहिए।
*पौष्टिक भोजन भी अनिवार्य*
तुर्कमानपुर की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ दिशा चौधरी का कहना है कि मासिक धर्म के दौरान न केवल आराम की आवश्यकता होती है, बल्कि पौष्टिक भोजन का सेवन भी किया जाना चाहिए । मासिक धर्म के दौरान जननांगों को नियमित तौर पर धुलना चाहिए । बहुत सी लड़कियों और महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान पेट में दर्द और कमजोरी की शिकायत होती है । ऐसी अवस्था में ज्यादा दिक्कत होने पर चिकित्सकीय परामर्श लेते हुए दवाओं के साथ-साथ आराम करना चाहिए ।सतर्कता का व्यवहार न अपनाने से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, ल्यूकोरिया, धाध गिरने जैसी बीमारी के साथ-साथ अन्य कई प्रकार के संक्रमण हो सकते हैं । किशोरियों में इस व्यवहार का अपनाया जाना नितांत आवश्यक है । ऐसा न करने पर आगे चल कर उनके गर्भ धारण में भी समस्या आती है और कुछ अन्य जटिलताएं भी सामने आती हैं । मासिक धर्म के दौरान साग-सब्जी, ताजे फल, दही, दूध, अंडा का सेवन करना चाहिए । स्वच्छता और खानपान का ध्यान न रखने से एनीमिया का शिकार हो सकती हैं ।
इन व्यवहारों को अपनाएं
• गंदे कपड़े का प्रयोग न करें
• पैड या टैम्पन का ज्यादा समय तक इस्तेमाल न करें
• शर्म और हिचक छोड़ कर पैड खरीदें व मंगाएं और इस्तेमाल करें
• व्यक्तिगत साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें